रोहिंग्या मुसलमानों ने किये थे हिंदू महिलाओं से रेप, पुरुषों को भी मारा : रिपोर्ट

रोहिंग्या मुसलमानों ने किये थे हिंदू महिलाओं से रेप, पुरुषों को भी मारा : रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यांमार में हिंसा का शिकार हुए लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि म्यांमार में हिंसा का शिकार होने से पहले रोहिंग्या मुसलमानों ने वहां रह रहे हिंदू पर काफी अत्याचार किए थे। रोहिंग्या समुदाय के आतंकियों ने हिंदूओं के घर पर हमला करते हुए हिंदू पुरुषों और बच्चों को मार डाला। साथ ही हिंदू महिलाओं को उठाकर ले गए और उनको अपनी हवस का शिकार बनाया।

यह सनसनीखेज खुलासा ऐमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट में उन पीड़ित हिंदू महिलाओं के बयान भी दिए गए हैं, जो इन आतंकियों की हवस का शिकार हुई हैं। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि यह घटना 25 अगस्त 2017 की है। इस दिन सुबह के करीब 8 बजे रोहिंग्या आतंकियों के समूह (अराकान रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मी, ARSA) ने अह नॉक खा गांव में हिंदुओं के घरों पर हमला किया था। इस दौरान आतंकियों ने हिंदू पुरुषों और बच्चों की हत्या करने, गांवों में आग लगाने, प्रताड़ित करने के साथ ही बड़ी संख्या में महिलाओं का रेप भी किया था।

जान बचाकर भागने वाली कई हिंदू महिलाओं ने बताया कि हमला करने वाले आतंकी काली ड्रेस में थे, जबकि कुछ ने सामान्य कपड़े ही पहने हुए थे। इन महिलाओं ने कुछ आतंकियों को पहचान भी लिया था, क्योंकि वे उसी गांव के रहने वाले थे। आतंकियों ने उस समय गांव में मौजूद 69 हिंदू पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को अगवा कर लिया था। कुछ घंटे बाद उन्होंने ज्यादातर पुरुषों की हत्या कर दी और महिलाओं को अपने साथ लेकर चले गए।

आतंकियों ने 24 घंटे में दो गांव को बनाया शिकार
25 अगस्त 2017 को रोहिंग्या आतंकियों ने 24 घंटे के अंदर दो गांव को अपना शिकार बनाया था। पहले उन्होंने अह नॉक खा गांव में हिंदुओं के घरों पर हमला किया और 69 हिंदू पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को अगवा कर लिया। इसके बाद इसी रात इन आतंकियों ने बॉक क्यार गांव को भी अपना शिकार बनाया और यहां मौजूद 46 पुरुष, महिलाएं और बच्चे गायब हो गए। उनका कुछ पता नहीं चला।

महिलाओं को अगवाकर बांग्लादेश ले गए थे
एक 22 साल की पीड़ित युवती ने बताया कि रोहिंग्या आतंकी 8 महिलाओं को अगवाकर बांग्लादेश ले गए थे। इन 8 महिलाओं में से एक वो भी थी। युवती ने कहा कि हमले के समय वह अपने घर में पूजा कर रही थी। आतंकी हमारे घर में घुस आए थे। उनमें से कुछ काले कपड़ों में थे। मैंने उन्हें पहचान लिया था... वे हमारे गांव के ही थे।

इस्लाम धर्म कबूलने पर बची जान
पीड़ित युवती ने ऐमनेस्टी को बताया कि हमला करने वाले आतंकियों के पास लोहे की छड़ें और धारदार हथियार थे। उन्होंने हमारे हाथों को पीछे की तरफ करते हुए बांध दिया और आंखों पर पट्टी बांध दी थी। उनमें से एक आतंकी ने कहा कि तुम दूसरे धर्म के हो, तुम यहां नहीं रह सकते हो। उन लोगों ने हमारे मोबाइल फोन जब्त कर लिए थे। उन लोगों ने हिंदू पुरुषों को मार दिया था। केवल 16 लोगों (8 महिलाएं और उनके 8 बच्चों) की जान बच सकी, क्योंकि ये इस्लाम स्वीकार करने को राजी हो गए थे। उसके बाद इन महिलाओं को रोहिंग्या आतंकियों के साथ शादी भी करना पड़ी।

Created On :   2 Jun 2018 3:43 PM GMT

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