पतंगबाजी का शौक : 150 से अधिक पक्षियों की मौत का जिम्मेदार कौन?

Hobby of kite flying: Who is responsible for the death of more than 150 birds?
पतंगबाजी का शौक : 150 से अधिक पक्षियों की मौत का जिम्मेदार कौन?
पतंगबाजी का शौक : 150 से अधिक पक्षियों की मौत का जिम्मेदार कौन?

नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। पुरानी दिल्ली में हुई पतंगबाजी ने इस बार भी सैकड़ों परिंदों से उनके उड़ने का हक छीन लिया। हर साल की तरह इस साल भी लोगों ने बेपरवाह होकर पतंगबाजी की, जिसके कारण 1000 से अधिक पक्षी घायल हुए। वहीं 150 से अधिक पक्षियों की मांझे से कट कर जान चली गई।

चांदनी चौक स्थित बर्ड हॉस्पिटल में सैंकड़ों की तादाद में वो पक्षी है जो की पतंगबाजों के शौक के चलते अस्पताल में भर्ती हुये हैं। भलेहि ही इस बार चाइनीज मांझे पर रोक लगी हो, लेकिन हिंदुस्तानी मांझों की वजह से भी पक्षियों के जीवन पर उतना ही असर पड़ा।

1 अगस्त से 15 अगस्त तक करीब 1500 पक्षी अस्पताल में भर्ती हुये हैं। जिसमें से करीब 80 फीसदी पतंगबाजी का शिकार हुए हैं। अन्य पंखे से कट कर घायल हुए हैं। इन पक्षियों में ज्यादातर कबूतर, तोते और चील हैं। हालांकि इस बार मोर भी मांझों से कट कर घायल हुये हैं।

पक्षियों के अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार 1 अगस्त से 15 अगस्त तक रोजाना करीब 10 पंक्षियों की मृत्यु हुई है। वहीं कुछ ऐसे परिंदे भी हैं जो की जिंदगी भर अब उड़ नहीं सकते।

चांदनी चौक स्थित जैन मंदिर में चल रहे दुनिया के पहले चैरिटी पक्षी अस्पताल के सचिव सुनील जैन ने आईएएनएस को बताया, 1 अगस्त से 15 अगस्त तक हमारे पास करीब 1500 पक्षी आये हैं। जिसमें से कुछ के पंख कटे हुए थे, तो वहीं कुछ पंक्षियों के गले मे गहरा घाव भी थे।

जमुना पार, वेलकम कॉलोनी और शाहदरा इलाके में ज्यादा पक्षी घायल हुए हैं। 1 अगस्त से 15 अगस्त तक 70 से 80 पक्षी अस्पताल में रोजाना भर्ती हो रहे थे।

सुनील ने बताया, मांझों की वजह से पंक्षी इतनी बुरी तरह जख्मी होते हैं कि कई पक्षियों की गर्दन तक अलग हो जाती हैं। इस बार करीब 150 से अधिक पक्षियों की मृत्यु भी हुई है। हमारे पास 1 तरीक से 15 तरीक तक 10 से 11 पक्षियों की मृत्यु हुई।

हमारे अस्पताल में पूरी कोशिश होती है कि इन पक्षियों की जान बच जाए, लेकिन पक्षी इतनी बुरी तरह घायल होते हैं कि बचाना असंभव हो जाता है।

एमएसके/जेएनएस

Created On :   18 Aug 2020 10:30 PM IST

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