Happy Holi : चढ़ने लगा रंगों का सुरूर, ढोल-डीजे के साथ झूम रहा पूरा देश

Happy Holi : चढ़ने लगा रंगों का सुरूर, ढोल-डीजे के साथ झूम रहा पूरा देश
Happy Holi : चढ़ने लगा रंगों का सुरूर, ढोल-डीजे के साथ झूम रहा पूरा देश
Happy Holi : चढ़ने लगा रंगों का सुरूर, ढोल-डीजे के साथ झूम रहा पूरा देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक-दूसरे को रंगने के लिए लोगों का इंतजार अब खत्म हो चुका है। वैसे तो धुलेंडी शुक्रवार सुबह से शुरू होनी है लेकिन गुरुवार शाम को होलिका दहन के साथ ही देश भर में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में रंगों का सुरूर चढ़ने लगा है। शाम ढलते ही कहीं ढोल तो कहीं डीजे की थाप पर लोग नाचने लगे हैं। बात चाहें दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों की करें या लखनऊ-भोपाल जैसे छोटे शहरों की, हर शहर बिल्कुल थम सा गया है। दुकानें बंद है, सड़के सुन्न हैं। शोर है तो बस ढोल और डीजे का। शहर-गांव की सड़कों पर गुरुवार शाम से ही गुलाल की चादर बिछ गई है। शुक्रवार सुबह तक यह गुलाल आकाश में भी दिखाई देने वाला है।

कहीं गुरुवार तो कहीं शुक्रवार सुबह होलिका दहन
देश के अधिकांश हिस्सों में होलिका दहन गुरुवार शाम को कर दिया गया है। वहीं कई जगहों पर होलिका दहन शुक्रवार सुबह किया जाएगा। ज्यादातर जगहों पर होलिका दहन, शुभ मुहूर्त के अनुसार गुरुवार शाम 7:40 से 9:00 के बीच और रात 12.39 बजे से 2.12 बजे के मध्य किया गया। जबकि देश के कई कोनों में होलिका दहन शुक्रवार सुबह करने की तैयारी है। गांवों में अधिकतर सुबह ही होलिका दहन किया जाता है।

धुलेंडी का रंग
होलिका दहन के बाद धुलेंडी का रंग लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। इस दिन पूरा देश में होली के रंग में रंग जाता है। जमीन और आसमान रंगों से ढक जाता है। मध्यप्रदेश के मालवा प्रदेश में खासकर इस दिन विशाल गेर (रैली) निकाली जाती है। इस दौरान लोग डीजे के गानों पर झूमते हुए रंग-गुलाल उड़ाते हुए गेर निकालते हैं। विभिन्न स्थानों से मस्तानों की टोलियां अबीर-गुलाल और डीजे की धुन और ढोल ताशों की थाप पर निकलती है।

धुलेंडी के अगले दिन भाई दूज

रंगोत्सव के दूसरे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार यह 3 मार्च को है। भाई दूज के त्योहार को लेकर भारत देश में विशेष स्थान दिया गया है। इस दिन भाई की कुशलता एवं लंबी उम्र की कामना से पूजन किया जाता है। इसे लेकर पौराणिक कथा कही जाती है कि स्वयं यम की बहन यमुना ने अपने भाई से वर मांगा था कि जो भी भाई इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके अपनी बहन के यहां भोजन करे उसे मृत्यु का भय न रहे। ऐसा भी कहा जाता है कि यही वह दिन है जब यम ने अपनी बहन यमुना का सत्कार स्वीकार कर उसके घर भोजन किया था।

Created On :   1 March 2018 11:50 PM IST

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