प्रणब दा की नसीहत : संसद चर्चा और बहस के लिए है, गतिरोध के लिए नहीं

I leave this magnificent building with a rainbow of memories :
प्रणब दा की नसीहत : संसद चर्चा और बहस के लिए है, गतिरोध के लिए नहीं
प्रणब दा की नसीहत : संसद चर्चा और बहस के लिए है, गतिरोध के लिए नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई समारोह के दौरान कहा, 'सांसद रहते हुए मैंने यह सीखा है कि संसद चर्चा और बहस के लिए है। यहां अवरोध उत्पन्न होने से विपक्ष को ज्यादा नुकसान होता है।' 

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आजादी के बाद से हम सभी देश की प्रतिष्ठा और एकता बनाने में लगे रहे हैं। और हमें इसी तरह लगे रहना है। उन्होंने इस दौरान सदन की कार्यवाही को शांतिपूर्ण तरीके से चलने देने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही बाधित होने से सरकार को ही नहीं विपक्ष को भी नुकसान होता है। 

इंद्रधनुषी यादें

विदाई समारोह का आयोजन रविवार को हुआ। संसद के दोनों सदनों के सदस्य इस समारोह में मौजूद थे। राष्ट्रपति पद से अपने अंतिम वक्तव्य में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति रहते हुए मैंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की है। अब मैं यह राष्ट्रपति भवन अपनी इंद्रधनुषी यादों के साथ छोड़ रहा हूं। यह मेरा भाग्य था कि मुझे इस पद पर रहकर देशवासियों की सेवा करने का मौका मिला।

देश के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर 25 जुलाई 2012 को अपना कार्यभार संभालने वाले 81 वर्षीय प्रणब मुखर्जी को रिसीव करने के लिए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पीएम नरेन्द्र मोदी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार मौजूद थे। सुमित्रा महाजन ने इस दौरान कहा कि यह समारोह संसद सदस्यों के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए अपना सम्मान व्यक्त करने का एक सुअवसर है। समारोह में सांसदों ने राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब मुखर्जी के लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने में दिए गए योगदान को याद किया।

अब 10 राजाजी मार्ग में रहेंगे

प्रणब मुखर्जी अब विशाल राष्ट्रपति भवन छोड़कर 10 राजाजी मार्ग पर रहेंगे। इस ब्रिटिश कालीन बंगले की साज-सज्जा का काम लगभग पूरा कर लिया गया है और नए सिरे से इसकी रंगाई कराने के साथ ही लॉन और बगीचे को तैयार किया गया है।

इस दो मंजिला बंगले में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद से निधन होने तक रहे थे। उनके निधन के बाद यह घर केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को आवंटित किया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति मुखर्जी को यह घर आवंटित किये जाने के बाद शर्मा ने 10, राजाजी मार्ग स्थित घर को खाली कर दिया और 10 अकबर रोड स्थित बंगले में चले गए।

Created On :   23 July 2017 7:59 PM IST

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