पाकिस्तान में मौलवी के आदेश पर बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा तोड़ी गई
- पाकिस्तान में मौलवी के आदेश पर बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा तोड़ी गई
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता अब अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव और अपराधों के साथ एक अगले ही स्तर पर पहुंच गई है, जिसमें यह अब केवल हिंदू समुदाय के मंदिरों और ईसाइयों के प्रार्थना स्थलों को नष्ट करने तक सीमित नहीं है।
पाकिस्तान के गांधार क्षेत्र में स्थित बौद्ध अवशेष तख्त-ए-बहि और इसके पड़ोस में स्थित प्राचीन नगर सहर-ए-बहलोल को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत की सूची में बौद्ध धर्म के सबसे प्रभावशाली अवशेषों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें अब कट्टरपंथी मौलवियों के कट्टर समर्थकों के द्वारा ढहाया जा रहा है।
खैबर-पख्तूनख्वा के मर्दान जिले में स्थित ये पुरातात्विक स्थल पहली और सातवीं शताब्दी के बीच गांधार क्षेत्र में मठों और शहरी समुदायों के विकास के सबसे विशिष्ट उदाहरण हैं।
शनिवार को सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाले वायरल वीडियो में एक आदमी को बुद्ध की एक आदमकद प्रतिमा को मौलवी के इसे मलबे में बदलने के निर्देश पर नष्ट करते हुए देखा गया।
इस प्रतिमा की खोज कुछ दिनों पहले ही की गई थी और माना जा रहा है कि इसे शुक्रवार को ध्वस्त कर दिया गया। मौलवी को प्रतिमा को नुकसान पहुंचा रहे आदमी को यह कहते हुए सुना गया कि वह अपना ईमान खो देगा और उसकी निकाह भी जायज नहीं रहेगी।
अब तक, यूनेस्को का भी यह मानना था कि तख्त-ए-बहि काफी अच्छे से संरक्षित हैं और ऊंची पहाड़ियों पर स्थित होने के चलते पिछले कई सौ सालों में यह कई हमलों से बचने में कामयाब रहा।
क्या संगठन पाकिस्तान के बदलते हुए चेहरे को महसूस करने में विफल रहे हैं, जहां अब ईस्लाम कट्टपंथियों का बोलबाला है। पेशावर में स्थित प्रोवेंशियल डिपार्टमेंट ऑफ आ*++++++++++++++++++++++++++++र्*योलॉजी (खैबर पख्तूनख्वा का प्रांत) जैसी एजेंसियां जिन्हें तख्त-ए-बहि और सहर-ए-बहलोल बौद्ध धर्म के अवशेषों से संबंधित दो अहम स्थानों के संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे इस मामले में मूकदर्शक बने हुए हैं।
Created On :   18 July 2020 9:00 PM IST