12वें साल में सीएम शिवराज के सामने खड़ी हुईं कई चुनौतियां

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान के 12 साल पूरे हो गए हैं। एमपी में ये रिकॉर्ड कायम करने वाले वे एक मात्र नेता हैं। 2005 में जब उन्होंने सत्ता संभाली तो खुद भाजपा में उनके नेता पूरी तरह आश्वस्वत नहीं थे कि ये युवा नेता एक दशक तक भाजपा को अजय बनाए रख सकेगा। उनकी अग्नि परीक्षा बडामलहरा उपचुनाव से शुरू हुई। इसके बाद उपचुनाव तो क्या 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा ने उनकी सरपरस्ती में शानदार जीत हासिल की। उनकी लाड़ली लक्ष्मी योजना और खेती को लाभ का धंधा बनाने के जुनून ने मप्र को लगातार कृषि कर्मण अवार्ड दिलाए।
12 साल से सबकुछ ठीक चल रहा था। इस बीच इस साल मंदसौर में किसानों पर हुई फायरिंग और भोपाल में हुए गैंगरेप की घटना ने सरकार की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए। खुद मुख्यमंत्री के कुछ ऐसे बयान भी आए, जिसनें उनके विरोधियों को उन्हें ट्रोल करने का मौका दिया। इसमें वाशिंगटन से अच्छी मप्र की सड़कों का बयान भी शामिल था।
अब चुनावी साल शुरू हो रहा है, ऐसे में उनके सामने पार्टी को चौथी बार सत्ता में लाने की चुनौती है। अफसरशाही को लगाम लगाने के साथ पार्टी में ही उठ रहे असंतोष से भी उन्हें सामना करना पड़ रहा है। एंटी इनकंबेंसी बड़ा मुद्दा बन रही है। ऐसे में सरकार और संगठन के स्तर पर उन्हें कड़े फैसले लेने होंगे।
Created On :   28 Nov 2017 10:38 PM IST