दिल्ली हिंसा मामले में दायर चार्जशीट में पुलिस ने कहा, उमर-शरजील के भाषण एक जैसे

In the charge sheet filed in the Delhi violence case, the police said, Omar-Sharjeels speech is the same
दिल्ली हिंसा मामले में दायर चार्जशीट में पुलिस ने कहा, उमर-शरजील के भाषण एक जैसे
दिल्ली हिंसा मामले में दायर चार्जशीट में पुलिस ने कहा, उमर-शरजील के भाषण एक जैसे
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  • दिल्ली हिंसा मामले में दायर चार्जशीट में पुलिस ने कहा
  • उमर-शरजील के भाषण एक जैसे

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा मामले में एक अदालत में दाखिल पूरक आरोपपत्र (चार्जशीट) में दावा किया है कि जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम और उमर खालिद के भाषणों के बीच संबंध हैं।

दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के पीछे कथित तौर पर बड़ी साजिश होने के मामले में खालिद और शरजील के खिलाफ दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है।

कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष रविवार को दायर पूरक आरोपपत्र 930 पृष्ठों का था। जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है।

यह मामला हिंसा भड़काने के लिए एक साजिश से संबंधित है, जिसमें इस साल फरवरी में 53 लोग मारे गए थे और 748 लोग घायल हुए थे।

पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा खालिद और अन्य लोगों द्वारा कथित रूप से रची गई साजिश थी।

आरोपपत्र में दावा किया गया है कि 23 जनवरी को शरजील इमाम ने बिहार में भाषण दिया, जबकि उमर ने महाराष्ट्र में भाषण दिया, मगर दोनों के भाषण में शब्द या लाइनें एक ही तरह की थीं।

विशेष सार्वजनिक अभियोजक अमित प्रसाद ने अदालत को बताया, इमाम का कहना है, चार हफ्ते में देश को क्या, कोर्ट को भी नानी याद आ जाएगी। ये चार सप्ताह एक महीने में तब्दील होते हैं। उमर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप 23 फरवरी को आ रहे हैं और हम बगावत करने जा रहे हैं।

अभियोजक ने कहा, संबंध यह है कि इमाम और खालिद एक ही तर्ज पर बात करते थे। मुद्दा सीएए या एनआरसी नहीं था। इमाम आगे कहते हैं कि यह एक मौका है, मुद्दा तो 370 है, अयोध्या और तीन तलाक है। यह सीएए/एनआरसी की आड़ में किया गया।

नई चार्जशीट में इमाम और खालिद के भाषणों को जोड़ा गया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में बताया, हमने शरजील इमाम के दो भाषणों को जोड़ा है। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह विचार विभाजनकारी थे।

इसमें कहा गया है, दोनों भाषणों में, इरादा था कि भारत को विभाजित और दो हिस्सों में बांट देना है।

इसके अलावा बाकी की जानकारी मुख्य चार्जशीट में है।

अमित प्रसाद ने अदालत को आगे बताया कि एक कहानी कही जा रही है कि वह लोकतंत्र की रक्षा के लिए वह एक शांतिपूर्ण विरोध था। उन्होंने कहा, हालांकि, वह लोकतंत्र नहीं था, जिसे संरक्षित किया जा रहा था, वह तो भीड़तंत्र था, जिसे धक्का दिया जा रहा था।

खालिद इमाम और फैजान खान के खिलाफ आरोपपत्र में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और आपराधिक साजिश, हत्या, दंगा, राजद्रोह, गैरकानूनी तरीके से भीड़ एकत्र करने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराएं जोड़ी गई हैं। उन पर धर्म, भाषा और जाति के आधार पर लोगों के बीच बैर बढ़ाने का भी आरोप है।

15 लोगों के खिलाफ मामले में पहली 17,500 पन्नों की चार्जशीट दिल्ली पुलिस ने दो महीने पहले दायर की थी। इसमें ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, गुलफिशा खातून, देवांगना कलिता, शफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल, अब्दुल खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, शादाब अहमद, तल्सीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद अतहर खान के नाम शामिल हैं।

एकेके/एसजीके

Created On :   23 Nov 2020 1:30 PM GMT

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