कोरोना त्रासदी में जब 11 साल की आलिया कोतवाल को गुल्लक दे आई (आईएएनएस विशेष)
देहरादून, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन हो या दुनिया के किसी देश का राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री या फिर खेत-खलिहानों में काम करने वाला कोई किसान। चाहे फिर मेहनत मजदूरी करके दो जून की रोटी का जुगाड़ कर रहा कोई श्रमिक। हर कोई कोरोना के कहर से बेहाल है। भला ऐसी त्रासदी में कोई मासूम भी कैसे खुद को उसके दर्द से दूर रख सकता है। शायद यही तमाम वजहें रहीं होंगी जिनसे हलकान ऋषिकेष शहर में रहने वाली 11 साल की आलिया चावला ने अपनी गुल्लक हंसते-हंसते थाने पहुंचक कोतवाल के हवाले कर दी। यह कहकर कि, अंकल गुल्लक के सब पैसे निकाल कर गरीबों को खाना खिला देना।
यह कहते हुए कि, अंकल पता नहीं मेरी इस गुल्लक में कितने पैसे हैं? आप इस गुल्लक को फोड़कर गिन लेना। यह सब पैसे लॉकडाउन में भूखे-प्यासे घूम रहे इंसानों और जानवरों के खाने का सामान लाने में लगा लेना।
पांचवी कक्षा की ऋषिकेष पब्लिक स्कूल (देहरादून, उत्तराखंड) की छात्रा को इस हाल में मय गुल्लक सामने देखकर पुलिस वालों की आंखें भर आयीं। चूंकि वे खाकी वर्दी में थे। इसलिए प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर और मासूम आलिया के दिल को ठेस पहुंचेगी, यह सोचकर दिल-खोलकर रो भी न सके।
किसी भी इंसान को झकझोकर देने वाली इंसानियत/ मासूमियत और परोपकार की भावना से ओतप्रोत घटना सोमवार को स्थानीय ऋषिकेष कोतवाली थाने में घटी। अवस्मरणीय घटना के वक्त कोतवाली ऋषिकेष प्रभारी इंस्पेक्टर रीतेश शाह से लेकर थाने में मौजूद सिपाही हवलदार तक। सब के सब आलिया और उसके पिता अशोक चावला के सम्मान में नत-मस्तक खड़े थे। निरुत्तर होकर क्योंकि उनके जेहन में पिता पुत्री का धन्यवाद करने के लायक अलफाज भी नहीं बचे थे। उन लम्हों में ऋषिकेष कोतवाली का हर पुलिसकर्मी खुद को आलिया और उसके पिता की इंसानियत और दया-भावना से कृतज्ञ था।
देहरादून के उप-महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवक्ता धर्मेंद्र बिष्ट ने सोमवार को आईएएनएस से फोन पर कहा, जिले में कोरोना महामारी के दौर में कोई भूखा न रहे कोई भूखा न सोये योजना चलाई गयी है। यह बात स्थानीय मीडिया के जरिये घर-घर में पहुंच चुकी है। यह सब देख-सुनकर अशोक चावला और उनकी बेटी आलिया चावला के मन में भी कुछ करने की बात आ गयी। लिहाजा पिता-पुत्री ने तय किया कि कुछ और तो मदद के लिए उनके पास देने को नहीं है। ऐसे में आलिया ने अपनी गुल्लक ही पुलिस वालों के हवाले करने की सोची। आलिया का परिवार ऋषिकेष में ही मनीराम रोड पर रहता है।
ऋषिकेष कोतवाली में मौजूद पुलिस वालों ने गुल्लक को फोड़ा। सबने मिलकर बहुत सारी रेजगारी और कुछ कागज के नोट गिने। तो पता चला कि गुल्लक में आलिया की जोड़ी हुई रकम 10 हजार 141 रुपये निकली है। ऋषिकेष थाना कोतवाल इंस्पेक्टर रीतेश शाह ने आईएएनएस फोन पर बात करते हुए अविस्मरणीय और किसी को भी हैरान कर देने वाली इस घटना की पुष्टि की।
-- आईएएनएस
Created On :   6 April 2020 11:00 PM IST