भारत ने 5 वर्षो में 72 भगोड़े घोटालेबाजों में से 2 को पकड़ा : आरटीआई (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

India caught 2 out of 72 fugitive scamsters in 5 years: RTI (IANS Exclusive)
भारत ने 5 वर्षो में 72 भगोड़े घोटालेबाजों में से 2 को पकड़ा : आरटीआई (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
भारत ने 5 वर्षो में 72 भगोड़े घोटालेबाजों में से 2 को पकड़ा : आरटीआई (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
हाईलाइट
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मुंबई, 20 नवंबर (आईएएनएस)। स्पष्ट रूप से स्वीकार करते हुए केंद्र ने कहा है कि 72 फरार आर्थिक अपराधियों में से सरकार पिछले लगभग छह वर्षों में केवल दो को लाने में कामयाब रही है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक जवाब में यह जानकारी दी गई।

सरकार ने 4 जनवरी, 2019 को, उन 27 व्यवसायियों के नाम प्रस्तुत पेश किए थे, जिन्होंने 2015 से बैंक ऋण या अन्य आर्थिक अपराधों पर डिफॉल्ट की थी।

एक साल बाद 5 फरवरी, 2020 को वित्त राज्यमंत्री एस.पी. शुक्ला ने लोकसभा को सूचित किया कि वर्तमान में कुल 72 भारतीयों पर धोखाधड़ी या वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं जो विदेश में हैं और उन्हें देश वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुंबई आरटीआई कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे ने 2019 के जवाब को बेस के तौर पर लेते हुए विदेश मंत्रालय (एमईए) में एक आवेदन दायर किया और 27 फरार लोगों में से उन लोगों का विवरण मांगा, जिन्हें सफलतापूर्वक देश वापस लाया गया था।

घाडगे ने आईएएनएस को बताया, मुझे यह जानकर झटका लगा कि आज तक केवल 2 भगोड़ों को ही कानून के कटघरे में लाने के लिए भारत लाया गया है..वे विनय मित्तल और सनी कालरा हैं।

उन्होंने कहा, आरटीआई का जवाब अन्य फरार लोगों पर कोई टिप्पणी नहीं करता है, जिनमें से कई बहुत बड़े नाम हैं।

2019 में लोकसभा में एमओएसएफ के जवाब के अनुसार, हिट-लिस्ट में व्यक्ति और परिवार दोनों शामिल थे : विजय माल्या, नीरव मोदी, नीशाल मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी, नितिन जे. संदेसरा, दीप्ति चेतनकुमार संदेसरा।

इसके अलावा, सनी कालरा, संजय कालरा, एस.के. कालरा, आरती कालरा, वर्षा कालरा, उमेश पारेख, कमलेश पारेख, नीलेश पारेख, आशीष जोबनपुत्र, प्रीति आशीष जोबनपुत्र, हितेश एन.पटेल, मयूरी पटेल, राजीव गोयल, अलका गोयल, पुष्पेश बैद, जतिन मेहता, एकलव्य गर्ग, विनय मित्तल, सब्या सेठ और रितेश जैन हैं।

एमओएसएफ शुक्ला ने आगे कहा कि सरकार मामलों के आधार पर, लुकआउट सर्कुलर, रेड कॉर्नर नोटिस, प्रत्यर्पण अनुरोधों या कार्रवाई के आधार पर भगोड़े आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।

सरकार ने कहा कि प्रत्यर्पण विकल्प काफी जटिल है, क्योंकि इसमें द्विपक्षीय संधियों के अनुसार संबंधित देश और अपने घरेलू कानूनों के साथ कानूनी प्रक्रिया शामिल है, यदि कोई हो, भले ही भगोड़ों की संख्या एक वर्ष में तीन गुना हो जाए।

दोनों अपराधी सनी कालरा और विनय मित्तल को भारी मात्रा में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों को धोखा देने के विभिन्न आरोपों का सामना करने के लिए आखिरकार वापस लाया गया था।

2018 में इंडोनेशिया से प्रत्यर्पित किए गए मित्तल पर 7 बैंकों को लगभग 40 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है, जबकि मार्च 2020 में सीबीआई द्वारा वापस लाए गए सनी कालरा पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े 10 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप है।

घाडगे ने कहा कि फरार लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर और रेड कॉर्नर नोटिस से संबंधित दो अन्य प्रश्नों को सीबीआई और गृह मंत्रालय को भेज दिया गया था, जिन्होंने इस मुद्दे पर पूरी तरह से इनकार कर दिया था, जिसमें प्रथम अपील लंबित थी।

मार्च 2018 में लोकसभा में पूर्व में दिए गए एक बयान के अनुसार, सरकार ने कहा था कि 31 आर्थिक अपराधी विदेश भाग गए थे, और उनमें से कई एक साल बाद 2019 में उपलब्ध कराई गई सूची में भी शामिल थे।

2018 की सूची में अमी नीरव मोदी, संजय भंडारी, सौमित जेना, विजयकुमार रेवाभाई पटेल, सुनील रमेश रूपाणी, सुरेंद्र सिंह, अंगद सिंह, हरसाहिब सिंह, हरलीन कौर, नितिन जे. संदेसरा, हेमंत गांधी, ईश्वर भट्ट, एम.जी. चंद्रशेखर, सी.वी. सुदेवदीर, नौशा कदीजाथ और सी.वी. सादिक शामिल थे।

वीएवी/एसजीके

Created On :   20 Nov 2020 5:00 PM IST

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