भारत-चीन तनाव: चीन के साथ सातवीं बार कमांडर स्तर की बातचीत शुरू, सैनिकों की पूरी तरह से वापसी पर रहेगा जोर

भारत-चीन तनाव: चीन के साथ सातवीं बार कमांडर स्तर की बातचीत शुरू, सैनिकों की पूरी तरह से वापसी पर रहेगा जोर
हाईलाइट
  • दोनों ओर से सैन्य अधिकारी शामिल होंगे
  • सातवीं बार कमांडर स्तर की बैठक
  • सीमा पर जारी तनाव के चलते बैठ​क

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर जारी तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए आज (12 अक्टूबर, सोमवार) चीन के साथ सातवीं बार कमांडर स्तर की बैठक रखी गई, जो कि शुरू हो गई है। इस बैठक में दोनों ओर से सैन्य अधिकारी अधिकारी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भारत पूर्वी लद्दाख में टकराव के बिंदुओं से चीन द्वारा सैनिकों की पूरी तरह से जल्द वापसी पर जोर देगा। बता दें कि दोनों देशों की सेनाएं बॉर्डर पर तैनात हैं और एक-दूसरे के सामने हैं।

रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक का एजेंडा सेना की फेस-ऑफ साइटों के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में पूरी तहर से डी-एस्कलेशन होगा। यह बैठक दोपहर 12 बजे के करीब ईस्टर्न इलाके के चुशूल इलाके में होगी। 

फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर में दोबारा आर्टिकल 370 की बहाली में चीन से मदद मिल सकती है

आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच मई में तनाव शुरू हुआ था। वहीं जून में बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, इस बीच कई बार सैनिकों को पीछे हटाने पर मंथन हुआ लेकिन चीन हर बार अपनी बात से पीछे हट गया। ऐसे में लगभग 6 महीने से चल रहे इस विवाद का अभी तक निपटारा नहीं हो पाया है। वहीं LAC में महज दो-तीन किलोमीटर के दूरी पर दोनों देशों के जवान डटे हुए है। 

इस बैठक से पहले विवाद को खत्म करने के लिए शुक्रवार को पावर चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी) का गठन किया गया। सूत्रों के मुताबिक सीएसजी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवाने शामिल हैं। सीएसजी ग्रुप ने भी पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समीक्षा की।

हाईकोर्ट में हाथरस केस की आज सुनवाई

वहीं आज की बैठक की बात करें तो यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि भारत की ओर से बात करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह की अगुवाई में ये आखिरी चर्चा होगी। इस बैठक में विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) नवीन श्रीवास्तव भी शामिल होंगे। साथ ही चीन की ओर से भी सैन्य अधिकारी के अलावा विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के हाथ में ये जिम्मेदारी आ जाएगी।

Created On :   12 Oct 2020 3:36 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story