महामंथन का इशारा: PM बोले- अर्थव्यवस्था की टेंशन न लें, रेड जोन में जारी रहेगा लॉकडाउन, ज्यादातर मुख्यमंत्री इसके पक्ष में

महामंथन का इशारा: PM बोले- अर्थव्यवस्था की टेंशन न लें, रेड जोन में जारी रहेगा लॉकडाउन, ज्यादातर मुख्यमंत्री इसके पक्ष में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में देश में लॉकडाउन-2.0 जारी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ​जरिए बैठक में चर्चा की। इस बैठक में कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए हालात और अर्थव्यवस्था को लेकर बात की गई। 3 घंटे तक चली इस चर्चा में ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस पर एक नीति तैयार करनी होगी, जिस पर राज्य सरकार को विस्तार से काम करना होगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले महीनों में कोरोना वायरस का असर बना रहेगा और फेस मास्क लोगों की जिंदगी का हिस्सा बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को महत्व देना भी जरूरी है। राज्य सरकार अपनी नीति तैयार करें और किस तरह लॉकडाउन को खोला जाए। इसमें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में राज्य अपने इलाकों में लॉकडाउन को खोला जा सकता है। जिन राज्यों में अधिक केस है, वहां लॉकडाउन जारी रहेगा, जिन राज्यों में केस कम है वहां जिलेवार राहत दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर टेंशन न लें, हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जिलों को जोन के हिसाब से बांटा है, अभी करीब 170 से अधिक जिले रेड जोन में शामिल हैं। सोमवार को मोदी की मुख्यमंत्रियों से चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग थी। इससे पहले उन्होंने 20 मार्च, 2 अप्रैल और 11 अप्रैल को भी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की थी।

विदेशों में फंसे भारतीय पर यह बोले पीएम
विदेशों में फंसे भारतीय के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि यह उनके सुविधा के लिहाज से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लेकिन इसके अलावा यह भी ध्यान दिया जाएगा कि उनकी वजह से उनके परिवारवालों को कोई तकलीफ नहीं हो।

हॉटस्पॉट पर राज्यों की दी बड़ी सलाह
पीएम ने राज्यों से हॉटस्पॉट और रेड जोन वाले क्षेत्रों में लॉकडाउन सख्ती से लागू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्यों को कोशिश करनी चाहिए कि रेड जोन को ऑरेंज जोन में और उसके बाद ग्रीन जोन में तब्दील किया जाए।

पीएम बोले, "दो गज दूरी" जरूरी
पीएम ने कहा कि देश ने अब तक दो लॉकडाउन देखा है। दोनों का असर हुआ है। अब हमें आगे के बारे में सोचना होगा। हमें दो गज दूरी बनाकर रखी होगी।उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का असर आने वाले समय में भी दिखेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मास्क और फेस कवर हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसी परिस्थिति में जिम्मेदारी निभाएं।

मुख्यमंत्रियों ने रखी अपनी बात
तीन घंटे चली चर्चा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे हुए बच्चों का मुद्दा उठाया। नीतीश कुमार ने मांग करते हुए कहा कि बच्चों को लाने के लिए एक नीति बननी चाहिए, कई राज्य लगातार बच्चों को वापस बुला रहे हैं। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नभ दास ने तो लॉकडाउन एक महीने बढ़ाने का सुझाव दे दिया। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी कहा कि वे 3 मई के बाद लॉकडाउन जारी रखना चाहते हैं। गौरतलब है कि बैठक से पहले भी कई राज्य सरकारें इस बात को कह चुकी हैं कि एक दम से लॉकडाउन को हटाना खतरनाक साबित हो सकता है, ऐसे में केंद्र सरकार को लॉकडाउन को लेकर अलग-अलग नीति बनानी चाहिए।

मोदी की इन 9 राज्यों से बात हुई
मेघालय के सीएम कोनराड संगमा, मिजोरम के सीएम जोरामथंगा, पुड्‌डुचेरी के सीएम नारायणसामी, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर, ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नभ दास, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्‌टर से प्रधानमंत्री की चर्चा हुई।

ममता ने शामिल होकर चौंकाया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर अटकलें थीं कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल नहीं होंगी। मीटिंग से पहले कहा जा रहा था कि ममता कुछ देर के लिए बैठेंगी, फिर उनकी जगह चीफ सेक्रेटरी या कोई और अधिकारी बैठेगा, लेकिन ममता पूरी मीटिंग के दौरान मौजूद रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे इस बात से नाराज हैं कि मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में बड़े राज्यों को बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा।

पैर पसारता जा रहा है कोरोना
कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। देश में इस खतरनाक वायरस के अब तक कुल लगभग 27,892 मामले आ चुके हैं। इस बीमारी से 6,185 लोग ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यह जानलेवा बीमारी देश में अब तक सरकारी आंकड़े के अनुसार, 872 लोगों की जान ले चुकी है।

 

Created On :   27 April 2020 3:01 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story