भारत ने अमेरिकी राजदूत ब्लोम के पीओके दौरे पर आपत्ति जताई
- जबरन कब्जा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की यात्रा पर आपत्ति जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि, भारत ने इस मुद्दे को अमेरिका के साथ उठाया है और उन्हें इस बात से अवगत करा दिया गया है। हमें अमेरिकी राजदूत द्वारा पीओके में यात्रा और बैठकों से आपत्ति है और हमने इसे अवगत करा दिया है।
किसी अमेरिकी अधिकारी का पीओके का यह दूसरा दौरा था। ब्लोम ने पीओके को आजाद जम्मू और कश्मीर के रूप में संदर्भित किया, जो भारतीय रुख के खिलाफ है क्योंकि इस क्षेत्र पर 1947 में पाकिस्तान द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया था।
राजदूत सोमवार को एक विश्वविद्यालय में पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लेने और 2005 के भूकंप पीड़ितों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए पीओके गए थे। उन्होंने मुजफ्फराबाद के अन्य स्थलों का भी दौरा किया और पीओके को आजाद जम्मू और कश्मीर के रूप में संदर्भित किया।
ब्लोम की यात्रा के बाद इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास ने पिछले तीन दिनों के दौरान कई ट्वीट्स साझा किए हैं, जिसमें विवादित क्षेत्र में अमेरिकी दूत के यात्रा कार्यक्रम का विवरण दिया गया। दूतावास ने ब्लोम के हवाले से एक ट्वीट में कहा, कायद-ए-आजम मेमोरियल डाक बंगला पाकिस्तान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समृद्धि का प्रतीक है और 1944 में जिन्ना द्वारा प्रसिद्ध रूप से दौरा किया गया था। मैं एजेके की अपनी पहली यात्रा के दौरान सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
अमेरिका ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे वह पाकिस्तान को समग्र रूप से मदद कर रहा है, पाकिस्तानी विरासत और सांस्कृतिक स्थलों को बहाल कर रहा है। अभी हाल ही में बाढ़ राहत के तौर पर अमेरिका ने 66 मिलियन डॉलर से अधिक की भारी-भरकम मदद दी। इसके अवाला भोजन और स्वास्थ्य सहायता की।
आईएएनएस
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Created On :   7 Oct 2022 8:00 PM IST