Army Day: शहीदों के साहस और जज्बे को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने किया सलाम

Indian Army is celebrating its 70th Army Day today 15th January
Army Day: शहीदों के साहस और जज्बे को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने किया सलाम
Army Day: शहीदों के साहस और जज्बे को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने किया सलाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज Army Day है आज ही के दिन 15 जनवरी 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल K M Cariappa ने ब्रिटिश राज के आखिरी कमांडर Gen Sir Francis Butcher से भारतीय सेना की कमान संभाली थी। देश का गौरव इंडियन आर्मी आज अपना 70वां सेना दिवस मना रही है। आर्मी के साथ पूरा देश भी इस मौके पर सेना के जज्बे को सलाम कर रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना को बधाई दी है।

 

 

 

राष्ट्रपति कोविंद ने सोमवार सुबह ट्वीट कर सेना को याद किया। उन्होंने लिखा, "सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के सभी फौजी भाई-बहनों, युद्धवीरों और वर्दीधारी सैनिकों के परिवारजनों को बधाई। आप हमारे राष्ट्र के गौरव हैं और हमारी आजादी के रखवाले, हर भारतीय चैन की नींद सो सकता है, क्योंकि उसे भरोसा है कि आप चौकन्ने और सतर्क रहते हैं।"

 

 

 

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सेना दिवस पर जवानों को याद किया, पीएम ने कहा, "सेना दिवस के मौके पर मैं जवानों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं. भारत का हर नागरिक सेना पर यकीन रखता है, जो राष्ट्र की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहती है।

 

 

 

 

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने भी इस मौके पर सेना को याद किया। उन्होंने ट्वीट किया, "ये तिरंगा हवा के झोंकों से नहीं फहरता, बल्कि उन सैनिकों की आखिरी सांसों से फहरता है जिन्होंने देश पर प्राण न्यौछावर कर दिए। सेना दिवस पर उन जांबांजों को मेरा सलाम जो भारत की ढाल भी हैं और तलवार भी"

 

 

 

 

क्यों मनाया जाता है आर्मी डे

 

भारतीय सेना इस दिन को इसलिए याद करती है जब भारतीय सेना पूरी तरह से आजाद हो गई और सेना की कमान पहली बार एक भारतीय को सौंप दी गई थी। आज से 70 साल पहले यह कमान कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (केएम करिअप्पा) को दी गई थी। उन्होंने कई साल भारत का नेतृत्व किया। भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (K.M Cariappa) थे। उन्होंने साल 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व भी किया। सेना हर साल इस दिन अपने दम-खम का प्रदर्शन करती है। इस दिन की शुरुआत यहां इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ होती है।

 

 

 

शहीदों की विधवाओं को सेना मैडल से किया जाता है सम्मानित

 

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने बताया, ‘इस दिन राजधानी दिल्ली और सेना के सभी छह कमान मुख्यालयों में परेड आयोजित की जाती है और सेना अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करती है। इस मौके पर सेना के अत्याधुनिक हथियारों और साजो-सामान जैसे टैंक, मिसाइल, बख्तरबंद वाहन आदि प्रदर्शित किए जाते हैं।" इस दिन सेना प्रमुख दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जवानों और जंग के दौरान देश के लिए बलिदान करने वाले शहीदों की विधवाओं को सेना मैडल और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं।’ परेड के दौरान अन्य देशों के भी सैन्य अताचियों और सैनिकों के परिवारों वालों को बुलाया जाता है।

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि सेना इस दौरान जंग का एक नमूना पेश करती है और इस दौरान अपने प्रतिक्रिया कौशल और रणनीति के बारे में बताती है। उन्होंने कहा कि इस परेड और हथियारों के प्रदर्शन का उद्देश्य दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराना तथा देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। सेना दिवस पर शाम को सेना प्रमुख चाय पार्टी आयोजित करते हैं जिसमें तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिमंडल के सदस्य हिस्सा लेते हैं।

Created On :   15 Jan 2018 11:00 AM IST

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