'मेक इन इंडिया' को बड़ा झटका, भारतीय सेना ने रिजेक्ट किए स्वदेशी तेजस और अर्जुन

Indian army reject to advance version of fighter jet tejas and arjun tank
'मेक इन इंडिया' को बड़ा झटका, भारतीय सेना ने रिजेक्ट किए स्वदेशी तेजस और अर्जुन
'मेक इन इंडिया' को बड़ा झटका, भारतीय सेना ने रिजेक्ट किए स्वदेशी तेजस और अर्जुन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने "मेक इन इंडिया" का जो सुनहरा सपना देखा है, उसे आज भारतीय सेना ने ही करारा झटका दिया है। भारतीय सेना के लिए देश में ही लड़ाकू विमान तेजस और अर्जुन टैंक के एडवांस वर्जन को बनाया गया है, जिसे आज सेना ने ही रिजेक्ट कर दिया है। बता दें कि तेजस देश में बना लाइट कॉम्बैट विमान है और अर्जुन युद्ध टैंक है।

 

मीडिया में आई खबरों के अनुसार सेना ने मेक इन इंडिया की रणनीतिक साझेदारी नीति के तहत विदेशी सिंगल इंजन लड़ाकू विमान और युद्ध टैंकों की खरीद का प्रस्ताव दिया है। सेना ने कहा कि वे अर्जुन और तेजस के एडवांस वर्जन पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। मेक इन इंडिया की स्टैटेजिक पार्टनरशिप नीति के तहत विदेशी सिंगल इंजन लड़ाकू विमान और सशस्त्र लड़ाकू टैंक्स के लिए प्रस्ताव दिया गया है।

 

भारतीय सेना ने 1770 उन्नत टैंकों की खरीद के लिए पिछले हफ्ते ही प्रारंभिक टेंडर या बड़ी वैश्विक कंपनियों से सूचना आग्रह (RFI) जारी किया था। फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स कहे जाने वाले इन टैंकों के जरिये सेना जंग के मैदान में अपनी स्थिति मजबूत बनाकर रखना चाहती है।

 

इसके साथ ही वायुसेना ने भी 114 एकल इंजन लड़ाकू विमान की मांग की है। हालांकि सैन्य बलों की यह मांग पूरी करना सरकार के लिए मुश्किल साबित हो सकता है। इस एक वजह तो यह कि देश के सालाना रक्षा बजट में नए कार्यों के लिए बहुत ही कम राशि आवंटित की जाती है। इसके अलावा सैन्य हथियारों और दूसरे उपकरणों के लिए पहले से तय सौदों की किस्तें चुकाने में भी काफी राशि खर्च हो जाती है।

 

वहीं रक्षा मंत्रालय अगर एकल इंजन लड़ाकू विमानों की वायुसेना की मांग पूरी करता है, तो उसे करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। डीआरडीओ भी इन लड़ाकू विमानों को लेकर रक्षा मंत्रालय पर काफी समय से दवाब बना रहा है।

Created On :   13 Nov 2017 11:47 AM GMT

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