भारतीय मुसलमान विश्व में सबसे संतुष्ट : मोहन भागवत

Indian Muslims most satisfied in the world: Mohan Bhagwat
भारतीय मुसलमान विश्व में सबसे संतुष्ट : मोहन भागवत
भारतीय मुसलमान विश्व में सबसे संतुष्ट : मोहन भागवत
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मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत कहा है कि दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं है, जो अपने सभी अल्पसंख्यकों से भारत से बेहतर बर्ताव करता हो। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान दुनिया में कहीं भी अपने समकक्षों की तुलना में सबसे खुशहाल हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों को एक समान ²ष्टि से देखा जाता है और समय आने पर भारत में सभी धर्म के लोग एक साथ खड़े भी होते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिंदी विवेक पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू के दौरान भारतीय मुसलमानों पर खुलकर बात की। विवेक समूह एक पुणे स्थित प्रकाशन केंद्र है। इस साक्षात्कार को संस्थान के सीईओ अमोल पेडनेकर और कार्यकारी संपादक रवींद्र गोले ने लिया है।

साक्षात्कार के दौरान मोहन भागवत ने कहा, क्या दुनिया में एक भी ऐसा उदाहरण है, जहां किसी देश की जनता पर शासन करने वाला कोई विदेशी धर्म अब भी अस्तित्व में हो? ऐसा कहीं पर भी नहीं है, लेकिन भारत एक ऐसा देश है। जबकि पाकिस्तान ने खुद को पूरी तरह से मुस्लिम राष्ट्र बना लिया है और दूसरे धर्मों के लोगों को कोई भी अधिकार नहीं दिया है।

उन्होंने कहा कि कट्टरता और अलगाववाद वही लोग फैलाते हैं जिनके खुद के हित प्रभावित होते हैं।

भागवत ने कहा, देश आजाद होने के बाद जो संविधान बना उसमें भी सभी को बराबर का अधिकार दिया गया। भारत के संविधान में यह कहीं पर भी नहीं लिखा गया है कि यहां केवल हिंदू ही रह सकते हैं या फिर देश में सिर्फ हिंदुओं की बात सुनी जाएगी या भारत में रहने के लिए हिंदुओं की प्रधानता स्वीकार करनी होगी। हमारे यहां सभी के लिए जगह बनाई गई है। यह हमारे राष्ट्र का स्वभाव है और यह अंतर्निहित स्वभाव ही हिंदू कहलाता है।

संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू का इस बात से कोई भी लेना देना नहीं होता कि कौन किसकी पूजा कर रहा है, लेकिन धर्म जोड़ने वाला उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए।

सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण केवल परंपरागत उद्देश्यों के लिए नहीं बनाया जा रहा है, बल्कि मंदिर राष्ट्रीय मूल्यों और चरित्र का प्रतीक होता है। उन्होंने कहा, मुगल शासन के दौरान लोगों के मनोबल और मूल्यों को दबाने के लिए मंदिरों को ध्वस्त किया गया था और हमारे आदर्श प्रभु श्री राम के मंदिर को गिरा कर हमें अपमानित किया गया। इस वजह से देश का हिंदू समाज पिछले कई वर्षों से मंदिरों का पुनर्निर्माण चाहता था।

मोहन जी भागवत ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि मुगल शासक अकबर के खिलाफ युद्ध में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की सेना में बड़ी संख्या में मुस्लिम सैनिक थे, लेकिन जब देश पर दुश्मनों ने हमला किया तो सभी ने एक होकर उनको मुंहतोड़ जवाब दिया। मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के मुकाबले भारत के मुस्लिम सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं।

एकेके/जेएनएस

Created On :   10 Oct 2020 10:01 PM IST

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