कभी ठाकरे, रामदेव बाबा का विरोध, कभी पहलवान को तमाचा- कौन है कुश्ती संघ का वो बाहुबली अध्यक्ष जिसके खिलाफ रेलर्स ने खोला मोर्चा, बीजेपी से है गहरा संबंध
- देश के करीब 30 नामी पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर एक दशक से ज्यादा का कब्जा बृजभूषण शरण सिंह का है। जिनकी अब मुश्किलें बढ़ सकती है। देश के करीब 30 नामी पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। वहीं महिला रेसलर्स ने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर संगीन आरोप लगाए हैं। जिसके बाद से ही वो चर्चाओं में बने हुए हैं। धरना देने वाले पहलवानों में साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, सरिता मोर और सुमित मलिक जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं। ये वो पहलवान हैं जो समय-समय पर देश का नाम रोशन कर चुके हैं।
ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स में हिंदुस्तानियों का सिर ऊंचा करने में इन खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है। हालांकि, आज वही खिलाड़ी कुश्ती महासंघ के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। जिस अध्यक्ष के खिलाफ पहलवानों ने हल्ला बोला है वो पहले भी अपने बयानों के जरिए सुर्खियां बटोर चुके हैं। पहलवान को थप्पड़ मारने से लेकर एमएनएस चीफ राज ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आखिर कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह?
भाजपा सांसद हैं बृजभूषण
बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। जो कैसरगंज लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं। 6 बार सांसद रहे बृजभूषण को कुश्ती पहलवानी का बड़ा ही शौक है। कुश्ती के शौकीन बृजभूषण ने राजनीति की शुरूआत साल 1980 में की थी। उन्होंने छात्र राजनीति से देश की राजनीति में एंट्री की। बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के बिशनोहर गांव के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन से ही कुश्ती पहलवानी में बड़ी रूची रही है। वह साल 2011 से ही भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। 90 के दशक से उन्होंने बीजेपी से अपने राजनीति करियर की शुरूआत की थी। वहीं राम मंदिर के आंदोलन में उनकी उग्र हिंदुत्व छवी ने उन्हें खूब लोकप्रियता दिलाई। जिसका फायदा उन्हें राजनीति में बखूबी मिला।
सपा से क्या है इनका संबंध
बृजभूषण शरण सिंह ने पहली बार 1991 में चुनाव लड़ा था। जिसके बाद से वो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि, साल 2009 के लोकसभा चुनाव में बृजभूषण ने समाजवादी पार्टी के टिकट से कैसरगंज सीट से चुनाव लड़ा था। जिसमें उनकी जीत भी हुई थी। सपा से अनबन होने के बाद एक बार उन्होंने बीजेपी का दामन थामा, और साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कैसरगंज सीट से जीत दर्ज की। वहीं अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के मामले में बृजभूषण शरण सिंह को आरोपी बनाया गया था। विवादित मामले में 40 नेताओं में उनका नाम भी शामिल था। हालांकि, इन 40 नेताओं को कोर्ट ने साल 2020 में बरी कर दिया था।
विवादों से रहा है नाता
बृजभूषण शरण सिंह अपने बयानों के जरिए भी चर्चा में बने रहते हैं। पिछले साल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोला था। पार्टी स्टैंड से अलग फैसला लेने वाले बृजभूषण ने राज ठाकरे को अयोध्या न आने की चेतावनी थी। भाजपा सांसद ने कहा था कि, अगर वो अयोध्या आते हैं तो हम उन्हें काले झंडे दिखाएंगे। बता दें कि राज ठाकरे ने अयोध्या में राम लाला के दर्शन के लिए आने वाले थे। जिसका विरोध बृजभूषण शरण सिंह ने किया था। इसके अलावा बीजेपी समर्थन और योगगुरू रामदेव के खिलाफ भी वह जंग छेड़ चुके हैं। जिसके बाद पतंजलि ने बृजभूषण सिंह को नोटिस भेजा था। वहीं दोनों में चल रहीं खींचतान ने खूब सुर्खियां बटोरी थी।
युवा पहलवान को जड़ चुके हैं तमाचा
झारखंड के रांची में अंडर-15 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप चल रही थी। जिसमें एक पहलवान की उम्र 15 वर्ष से अधिक थी। जिसकी वजह से उसे प्रतियोगिता से डिस्क्वालिफाई कर दिया था। जिसके बाद युवक पहलवान अतिथियों के मंच पर जाकर विनती करने लगा था ताकि प्रतियोगिता में उसे एंट्री मिल जाए। लेकिन वहीं मौजूद बृजभूषण ने अपना आपा खोते हुए पहलवान को तमाचा जड़ दिया। जिसके बाद से उनकी खूब आलोचना की गई।
Created On :   19 Jan 2023 3:44 PM IST