बाप-बेटी का अनोखा कारनामा, एवरेस्ट फतेह कर बनाया रिकॉर्ड

बाप-बेटी का अनोखा कारनामा, एवरेस्ट फतेह कर बनाया रिकॉर्ड
हाईलाइट
  • दो दिन पहले जब उत्तरी गोलार्ध में सूर्य उग रहा था तब दीया ने दुनिया के सर्वोच्च शिखर पर अपने कदम रखे और उनके पिता ठीक उनके पीछे खड़े थे।
  • अजीत और दीया बजाज तिब्बत के रास्ते से एवरेस्ट को जीतने वाली पहली भारतीय बाप-बेटी की टीम है।
  • अजीत बजाज को साल 2012 में साहसिक कार्य के क्षेत्र में सक्रिय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
  • दीया यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एलब्रस पर भी चढ़ाई कर चुक

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। भारतीय पर्वतारोही दीया बजाज और उनके पिता अजीत बजाज की जोड़ी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल करने वाली पहली भारतीय पिता-पुत्री की जोड़ी बन गई है। दो दिन पहले जब उत्तरी गोलार्ध में सूर्य उग रहा था तब दीया ने दुनिया के सर्वोच्च शिखर पर अपने कदम रखे और उनके पिता ठीक उनके पीछे खड़े थे।

                      


अजीत और दीया बजाज तिब्बत के रास्ते से एवरेस्ट को जीतने वाली पहली भारतीय बाप-बेटी की टीम है। एवरेस्ट से दुनिया को समानता का संदेश देने के साथ दोनों नेपाल की राजधानी काठमांडू वापस लौट आए। इस सफल और शानदार मिशन के बाद उन्होंने सोमवार को नेपाल के भारतीय दूतावास में भारत के राजदूत मनजीव सिंह पुरी से मुलाकात की।

                     


दोनों ने 16 अप्रैल को एवरेस्ट के शिखर तक पहुंचने के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी और एक महीने के समय में ये मिशन पूरा कर लिया। अजीत बजाज को साल 2012 में साहसिक कार्य के क्षेत्र में सक्रिय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनकी बेटी दीया ग्रीनलैंड में सिर्फ 17 साल की उम्र में स्कीइंग का अनुभव ले चुकी हैं। साथ ही दीया यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एलब्रस पर भी चढ़ाई कर चुकी हैं।

                      

 

बहुत कम उम्र से ही दीया हिमालय पर मिशन पूरा करना चाहती थीं और इस सपने को पूरा करने में उनके पिता ने उन्हें पूरा सहयोग दिया। ये पहली बार नहीं है जब दोनों ने साथ में या अकेले कोई रिकॉर्ड बनाया हो। इस पिता-पुत्री के नाम कई और भी रिकॉर्ड दर्ज है।

                     

 

एवरेस्ट हमेशा से ही साहसिक कारनामों में यकीन रखने वाले बहादुरों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। इस महान चोटी पर फतेह हासिल करना इंसानी जिद और हिम्मत का सबसे बड़ा इम्तेहान साबित होता है। बरसों से इसे जीतने की जंग जारी है। कई लोग इसमें कामयाब हुए हैं और कई लोगों को इस कोशिश में अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।

Created On :   22 May 2018 7:34 PM IST

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