अब दुश्मनों की खैर नहीं, INS करंज नौसेना के बेड़े में शामिल

Indias third Scorpene class submarine was launched in Mumbai
अब दुश्मनों की खैर नहीं, INS करंज नौसेना के बेड़े में शामिल
अब दुश्मनों की खैर नहीं, INS करंज नौसेना के बेड़े में शामिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय नौसेना के बेड़े में वर्ष 2021 के अंत तक तीन और स्कॉर्पिन श्रेणी की पनडुब्बी शामिल हो जाएंगी। नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने यह जानकारी दी। बुधवार को पनडुब्बी आईएनएस करंज को पानी में उतारा गया। इस मौके पर लांबा ने बताया कि "प्रोजेक्ट 75" के तहत स्कॉर्पिन श्रेणी की कुल तीन पनडुब्बियों का निर्माण होना है। जिसमें आईएनएस कलवरी नौसेना के बेड़े में शामिल हो चुकी है। दूसरी पनडुब्बी खंडेरी का समुद्री परीक्षण जल्द ही पूरा होने वाला है और तीसरी पनडुब्बी करंज को समुद्र में लांच किया गया है। बची तीन पनडुब्बियों को आने वाले 9 से 12 महीने में अंतराल में एक-एक कर लॉन्च किया जाएगा।’


‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी ’ करार के तहत बनाया

‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेश निर्मित पनडुब्बी करंज को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने फ्रांस की मेसर्स नेवल ग्रुप के साथ मिलकर ‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी ’ करार के तहत बनाया है। बता दें की स्कॉर्पिन श्रेणी की बन रही पनडुब्बिया सभी प्रकार के संभावित खतरों को मात देने में सक्षम हैं। ये पनडुब्बियां पानी के भीतर व सतह से मिसाइल दागने, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, समुद्र में माइन बिछाने सहित कई तरह की अत्याधुनिक खुबियों से लैस हैं।


आईएनएस करंज की ये हैं खासियत

  • टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइल दागने की क्षमता
  • सटीक निशाना लगाकर दुश्मन की हालत होगी पस्त
  • एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर सहित खुफ़िया जानकारी जुटाने में माहिर
  • एरिया सर्विलांस जैसे मिशनों को अंजाम देने की क्षमता
  • स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी करंज की टोह लेना मुश्किल 
  • अत्याधुनिक अकुस्टिक साइलेंसिंग तकनीक, हाइड्रो डायनेमिकली ऑपटिमाइज़्ड शेप 
  •  ज़्यादातर पनडुब्बियों की अपेक्षा सुरक्षित
  • लंबी दूरी वाले मिशन में ऑक्सीजन लेने के लिए सतह पर आने की ज़रूरत नहीं


‘नेक्स्ट जनरेशन की सबमरीनर्स’ का निर्माण होगा शुरू

पनडुब्बी करंज के लॉन्च होने के बाद नौसेना प्रमुख लाम्बा ने बताया कि मझगांव डॉक में जल्द ही ‘नेक्स्ट जनरेशन की सबमरीनर्स’ का निर्माण शुरू होगा। हालांकि इस संबंध में रक्षा मंत्रालय के स्तर पर अभी कुछ निर्णय होने बाकी हैं।

Created On :   31 Jan 2018 7:25 PM IST

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