हिन्दू धर्म नहीं बल्कि जीवन पद्धति है – उपराष्ट्रपति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि हिन्दू कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दू एक जीवन पद्धति है। जो सिंधु और हिन्दू इलाके में रहते हैं, उन्हें हिन्दू कहा गया है। हिन्दू नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी या फिर किसी राजनेता ने नहीं दिया है। देश को हिन्दुस्तान नाम हमारे पूर्वजों ने दिया है।
योग कोई पूजा पद्धति नही
रविवार को उपराष्ट्रपति ने मुंबई के द योगा इन्स्टिट्यूट संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर राज्यपाल सी विद्यासागर राव, प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री विनोद तावडे समेत कई दिग्गज हस्तियां उपस्थित थीं। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग कोई पूजा पद्धति नहीं है। यह एक जीवन जीने का तरीका है। इसका मजहब से कोई लेना देना नहीं है। हमारे पूर्वजों ने आदिकाल से जो परंपरा विरासत में दी है उससे यह जुड़ा हुआ है। यह एक भारतीय कला है।
योगा से योग्य बनेंगे
उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी ने मुझसे पूछा कि आप योग के बारे में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। योगा करने से मुझे क्या मिलेगा। इस पर मैंने उन्हें जबाव दिया कि योगा से आप योग्य बनेंगे। रोक से बच जाएंगे, बीमार नहीं होंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि काम, ज्ञान और समर्पण इन तीनों का समन्वय हो गया तो शुरू किया गया काम अधिक उत्कृष्ट रूप से पूर्ण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि योग जीवन का समग्र दृष्टीकोण है। नियमित योग से केवल शरीर निरोगी नहीं रहता बल्कि मन को भी निरोगी रखने में मदद मिलती है। शारीरिक, अध्यात्मिक और भावनात्मक संतुलन के साथ रचनात्मक समाज के निर्माण में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है।
बताए योग के फायदे
योग काम में एकाग्रता बढ़ाने में उपयुक्त साबित होता है। बदलती जीवनशैली के कारण आवाजाही पर मर्यादा आ गई है। इसलिए बढ़ती स्पर्धा के कारण भावनात्मक असंतुलन का निर्माण हो रहा है। इसके मद्देनजर शांत और खुशहाल जीवन जीने का मार्ग योग के माध्यम से ही मिल सकता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं माता, जन्मभूमि, मातृभाषा, देश और गुरु इन पांचों विषयों पर अपने जीवन में विशेष महत्व देना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को इन सभी के बारे में कभी भूलना नहीं चाहिए। इस बीच उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के कारण ही साल 2014 से 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजकल लोग सबसे पहले सोचते हैं कि मुझे क्या मिलेगा। पहले लोग देश के बारे में पहले सोचते थे। फिर प्रदेश और जिले और इलाके के बारे में विचार करते थे। पर अब लोगों को अपनी चिंता सबसे पहले रहती है।
चैत्यभूमि पर पहुंचे उपराष्ट्रपति
इससे पहले उपराष्ट्रपति नायडू ने दादर स्थित चैत्यभूमि पर भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पण करके उनका अभिवादन किया। यहां पर राज्यपाल सी विद्यासागर राव, केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले, चैत्यभूमि के भन्ते बी. संघपाल, चैत्यभूमि स्मारक समिति के महासचिव नागसेन कांबले उपस्थित थे। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री आठवले ने उपराष्ट्रपति को आंबेडकर के जीवन पर आधारित एक किताब भेंट की।
Created On :   24 Dec 2017 7:23 PM IST