पुलवामा हमला: 6 बार गिरफ्त में आकर छूटा था डार, मामले के राज खोलेगी लाल ईको कार

Investigation agencies are trying to solve the terrorist case
पुलवामा हमला: 6 बार गिरफ्त में आकर छूटा था डार, मामले के राज खोलेगी लाल ईको कार
पुलवामा हमला: 6 बार गिरफ्त में आकर छूटा था डार, मामले के राज खोलेगी लाल ईको कार
हाईलाइट
  • 40 जवानों का हत्यारा आतंकवादी आदिल अहमद डार 6 बार लिया जा चुका है हिरासत में।
  • जवानों ने देखी थी काफिले के पास लाल ईको कार।
  • जांच अधिकारी खोज रहे विस्फोटक का स्त्रोत।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीआरपीएफ के 40 जवानों की हत्या का जिम्मेदार, आतंकी आदिल अहमद डार पहले भी गिरफ्तार में लिया जा चुका है। इंटेलीजेंस ब्यूरो और पुलिस अधिकारियों के अनुसार डार को करीब 6 बार गिरफ्तार में लिया जा चुका था, लेकिन सबूतों और आरोपों की कमी के कारण वो हर बार बचता रहा। आदतन अपराधी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के बावजूद क्यों आदिल की अनदेखी की गई, यह सवाल अब तूल पकड़ता जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि आदिल के कुछ परिजनों के भी आतंकिवादियों से संबंध हैं। आदिल लश्कर ए तैयबा में शामिल होना चाहता था, लेकिन इस आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उसे किसी पुलिसवाले की हत्या करनी थी। इसी वजह से उसने जैश ए मोहम्मद का रुख किया। जैश में आदिल को कामरान और अब्दुल के नाम से भी पहचाना जाता था। 

आई बी अधिकारियों के मुताबिक आदिल को सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी और आतंकियों से संबंध रखने के आरोप में 6 बार गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही आतंकी डार सुरक्षा बलों के खिलाफ प्रदर्शनों में भी हिस्सा लेता था। इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान एक बार वो गंभीर रूप से घायल भी हो गया था। आतंकवादी आदिल नए युवकों को संगठन में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित और मध्यस्थता करने का काम भी करता था। 

गौरतलब है कि आतंकवादी आदिल अहमद डार ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों कर हमला कर दिया था। डार ने भारी मात्रा में विस्फोटकों लदी अपनी कार को सेना की गाड़ी से टकरा दिया था। इस फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

जवानों ने देखा था आदिल को पीछा करते हुए
सीआरपीएफ के जवानों के अनुसार आतंकी डार एक लाल रंग की ईको कार से सेना के काफिले का पीछा कर रहा था। जवानों के मुताबिक आतंकी गाड़ी को सेना की बस के आसपास संदिग्ध तरीके से चला रहा था। कई बार अंदर बैठे जवानों ने उसे दूर जाने को भी कहा। जवानों ने बताया कि डार सबसे आखिर चल रही बस को निशाना बनाना चाहता था, लेकिन असफल होने के बाद उसने तीसरी बस में गाड़ी भिड़ाकर धमाके को अंजाम दिया। जांच अधिकारी ने बताया की मौके से बरामद हुए कार के परखच्चे जवानों के बताए तथ्यों से मेल खाते हैं।

इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक आया कहां से?
मामले की जांच कर रही केंद्रीय ऐजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुटी हैं कि आतंकी के पास इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक आया कहां से। आरजू बशीर नाम के युवक ने 2017 में जैश ए मोहम्मद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। बशीर का कहना था कि जैश चाहता था कि इस हमले को वो अंजाम दे। मामले की जांच में अहम भूमिका निभा रहे एक अधिकारी ने बताया कि बशीर से संपर्क करने वाले युवक और डार के बीच अगर कोई संबंध निकलता है तो कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि जनवरी में मारे गए आतंकी मुफ्ती अब्दुल्ला के पास काफी बड़ी मात्रा में आईईडी मिला था। बरामद आईईडी और विस्फोटकों की जांच जारी है।

 

Created On :   17 Feb 2019 10:50 AM GMT

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