ISRO 21-22 जुलाई को कर सकता है चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग, दूर हुई तकनीकी खामी
- ISRO चंद्रयान-2 की जल्द से जल्द लॉन्चिंग करना चाहता है
- माना जा रहा है कि 21 या 22 जुलाई को इसकी लॉन्चिंग की जाएगी
- सूत्रों के मुताबिक ISRO ने तकनीकी खामी दूर कर ली है
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-2 की जल्द से जल्द लॉन्चिंग करना चाहता है। माना जा रहा है कि 21 या 22 जुलाई को इसकी लॉन्चिंग की जाएगी, ताकि यान को चांद की कक्षा में नैविगेट करने का इसको के पास पर्याप्त समय हो। बता दें कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग 15 जुलाई को होनी थी लेकिन GSLV-MkIII के क्रायोजेनिक स्टेज में रिसाव का पता लगने के बाद काउंटडाउन रोक दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक ISRO ने तकनीकी खामी दूर कर ली है। तकनीकी खामी दूर कर लेने के बाद ISRO पहले 22 जुलाई की सुबह लॉन्चिंग करने का प्लान कर रहा था। लेकिन अब वह रविवार दोपहर इसे लॉन्च करने पर काम कर रहा है। हालांकि इसरो ने आधिकारिक रूप से अभी कोई बयान जारी नहीं किया है। इसरो के रॉकेट स्ट्रीम के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने पुष्टि करते हुए कहा है कि अंतरिक्ष एजेंसी को चंद्रयान की सोमवार तक लॉन्चिंग की उम्मीद है। एक अन्य सूत्र ने कहा, "हम स्पेसपोर्ट में टीमों से सुन रहे हैं कि लॉन्चिंग रविवार या सोमवार को हो सकती है।"
हर लॉन्च के लिए एक सर्वोत्तम समय होता है जिसके अंदर अपेक्षित नतीजे मिलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। 15 जुलाई का वो समय था, जब इसरो के पास सबसे ज्यादा 10 मिनट की विंडो थी। लेकिन अब इसरो के पास बाकी महीने में हर दिन एक मिनट की विंडो है। बता दें कि लॉन्च विंडो वह उपयुक्त समय होता है जब पृथ्वी से चांद की दूरी कम होती है और पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले उपग्रहों और अंतरिक्ष के कचरे से टकराने की संभावना बेहद कम होती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक 31 जुलाई तक न लॉन्च कर पाने की स्थिति में चंद्रयान के लिए ज्यादा ईंधन की जरूरत होगी। इतना ही नहीं चंद्रयान मिशन में ऑर्बिटर के एक साल तक चांद का चक्कर लगाने का लक्ष्य तय किया गया है वो भी समय पर लॉन्च न होने की स्थिति में घटकर 6 महीने हो जाएगा। अगर 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग सफल रहती तो उसे करीब 3.84 लाख किमी की यात्रा करनी पड़ती।
बता दें कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन लॉन्चिंग पैड-2 से रविवार रात 2.51 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाना था, पर तकनीकी गड़बड़ी के चलते तय समय से 56 मिनट 24 सेकंड पहले काउंटडाउन रोक दिया गया। बाहुबली रॉकेट के क्रायोजेनिक स्टेज में रात डेढ़ बजे तक लिक्विड हाइड्रोजन भरी गई। इसी बीच, कंट्रोल रूम में तापमान और प्रेशर असामान्य दिखा। लॉन्च व्हीकल, सेंटर, प्रोजेक्ट और मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों ने तुरंत मीटिंग कर काउंटडाउन रोकने का फैसला किया।
Created On :   17 July 2019 6:31 PM IST