शिवराज सिंह चौहान: पारंपरिक ढांचे से इंटीग्रेटेड फार्मिंग मॉडल की ओर बढ़े किसान, खेती से लाभ हो

डिजिटल डेस्क, भोपाल। केंन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भोपाल के रविन्द्र भवन में महिला किसान दिवस कार्यक्रम में कहा कि, धरती के संसाधनों पर बहन-बेटियों का भी हक है। उन्होंने कहा कि, हिंदुस्तान की कृषि बदलनी है, खेती में कई प्रयोग करने हैं। खेती ज़रूरी है, खेती के बिना काम नहीं चल सकता। बिना खेती के गांव अधूरे हैं, और बिना महिलाओं के खेती अधूरी है। कृषि कार्यों में महिलाओं का योगदान सदियों से रहा है। पुराने ज़माने में जब पुरुष हल चलाता था, तो बहनें बीज डालती थीं। खेतों की कटाई बहनें करती थीं, और आज भी करती हैं।
चौहान ने कहा भारत की खेती पारंपरिक ढांचे से इंटीग्रेटेड फार्मिंग मॉडल की ओर बढ़े। केवल गेहूं-चावल नहीं, बल्कि अनाज, फल और दूसरी फसलों को साथ में लगाना है। हरियाणा के पानीपत में एक किसान ने तीन एकड़ ज़मीन पर 15 तरह की फसलें लगाई हैं। हर महीने किसी न किसी फसल से आमदनी हो जाती है। उत्पादन तोड़कर सीधे बेचते हैं और लगातार आय बनी रहती है। स्वयं सहायता समूह और एफपीओ मिलकर यह योजना बनाएं कि खेती में दस तरह की गतिविधियाँ कैसे जोड़ सकते हैं। छोटे किसान अगर पाँच-सात गतिविधियाँ एक साथ करें, तो उनकी आजीविका बेहतर होगी और आय भी बढ़ेगी। ICAR के एक मॉडल से वास्तविक लागत और आमदनी का आकलन होगा।
चौहान ने कहा है कि ‘लखपति दीदी’ योजना अब मेरे जीवन का मिशन बन गई है। मुख्यमंत्री रहते हुए जिस दिशा में काम शुरू किया, अब दिल्ली में मुझे कृषि और ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी मिली । लखपति दीदी का विभाग भी मेरे ही पास आ गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आने वाला स्वयं सहायता समूह विभाग की नियमित समीक्षा करता हूं। मैंने इसे अपने जीवन का मिशन बना लिया है। लाड़ली बहनें अब लखपति दीदी बनेंगी।
आर्थिक सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार के कृषि विभाग और ग्रामीण विकास विभाग की कई योजनाएं चल रही हैं। ड्रोन दीदी पेस्टिसाइड का छिड़काव ड्रोन से कर रही हैं। अभी 15 हजार स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 70 हजार बहनों को ट्रेनिंग देकर कृषि सखी बनाया है। 1 लाख और बहनों को प्रशिक्षित किया जाएगा। बैंक सखियां बैंकिंग का पूरा काम जानती हैं, वे बैंक करस्पोंडेंट बन रही हैं। पशु सखी भी ग्रामीण महिलाओं को पशुपालन का प्रशिक्षण दे रही हैं।
Created On :   16 Oct 2025 12:04 AM IST