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- ISRO releases first pictures of Chandrayaan-2 at Bengaluru
दैनिक भास्कर हिंदी: 11 साल बाद चंद्रमा की सतह खंगालने की तैयारी, सामने आई चंद्रयान-2 की तस्वीरें

हाईलाइट
- ग्यारह साल बाद जुलाई में लॉन्च किया जाएगा चंद्रयान-2
- इसरो ने दुनिया के सामने जारी की चंद्रयान-2 की पहली तस्वीर
- 22 अक्तुबर 2008 को लॉन्च किया गया था पहला चंद्रयान
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। ग्यारह साल बाद एक बार फिर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा की सतह को खंगालने की तैयारी कर रहा है। भारत के मिशन चंद्रयान-2 लूनरक्राफ्ट की पहली तस्वीर दुनिया के सामने आई है। इसरो इस महत्वकांक्षी योजना को 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च करेगा। चंद्रयान-2 से पहले चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण किआ जा चुका है। इसे 22 अक्तुबर 2008 को लॉन्च किया गया था,लेकिन तब भारत ने चांद पर क्रैश लैंडिंग कराई थी जिसे हार्ड लैंडिंग भी कहा जाता है। इस बार चंद्रयान-2 में एक भी पेलोड विदेशी नहीं है। इसके सभी हिस्से पूरी तरह से स्वदेशी हैं। जबकि चंद्रयान-1 के ऑर्बिटर में 3 यूरोप और 2 अमेरिका के पेलोड्स थे।
बता दें कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में पूरे 11 साल का समय लगा है। दरअसल, नवंबर 2007 में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने कहा था कि वह इस प्रोजेक्ट में भारत के साथ काम करेगा। इसरो को लैंडर देगा। 2008 में इस मिशन को सरकार से अनुमति मिली। 2009 में चंद्रयान-2 का डिजाइन तैयार कर लिया गया। जनवरी 2013 में लॉन्चिंग तय थी,लेकिन रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस लैंडर नहीं दे पाई।फिर इसकी लॉन्चिंग 2016 में तय की गई। हालांकि, 2015 में ही रॉसकॉसमॉस ने प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए थे।
चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं। पहला हिस्से का नाम ऑर्बिटर, दूसरा लैंडर (विक्रम) और तीसरा रोवर (प्रज्ञान) हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत 800 करोड़ रुपए है। 9 से 16 जुलाई के बीच चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 384400 किलोमीटर रहेगी। अगर मिशन सफल हुआ तो अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत चांद पर रोवर उतारने वाला चौथा देश होगा।
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 लूनरक्राफ्ट नासा के एक पैसिव एक्सपेरिमेंटल इंस्ट्रूमेंट को चांद पर ले जाएगा। अमेरिकी एजेंसी इस मॉड्यूल के जरिए धरती और चांद की दूरी को नापने का कार्य करेगी। इसके साथ ही विदेशी प्रायोगिक मॉड्यूल के अलावा चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्राज्ञन) है। चंद्रयान-2 इस मिशन में 13 भारतीय पेलोड को लेकर जाएगा जो विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे और चांद की तस्वीरें लेंगे।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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