चूहे की सर्जिकल-स्ट्राइक से हलकान हुआ जेल प्रशासन! (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

Jail administration aggravated by rat surgical strike! (IANS Exclusive)
चूहे की सर्जिकल-स्ट्राइक से हलकान हुआ जेल प्रशासन! (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
चूहे की सर्जिकल-स्ट्राइक से हलकान हुआ जेल प्रशासन! (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। जिस जेल में बंद तमाम खूंखार अपराधियों के चूं भी न कर पाने की गारंटी ली जाती है। जिस जेल की सुरक्षा को भेद पाने की कुव्वत आसमान में उड़ते चील और ड्रोन की भी न हो। जिस जेल की दीवारों की ऊंचाई देख कर, अच्छे-अच्छों को पसीना आ जाए। क्या उस जेल में कोई चूहा भी कभी किसी जेल प्रशासन को पसीना ला सकता है!

यह मजाक नहीं, बल्कि सच है। ऐसा ही हुआ है। हिंदुस्तान के किसी छोटे से या फिर दूर-दराज के जिले की जेल में नहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौजूद जेल के भीतर। यह अलग बात है कि घंटों जेल प्रशासन को छकाने वाले कथित चूहे की असली कहानी अंतत: सामने आ ही गई। वह कहानी, जो चूहे द्वारा पेश किए गए हैरतंगेज तमाशे से कहीं ज्यादा दिलचस्प है।

जेल में यह सब हुआ तो ऐसा भी नहीं कि इसका कोई गवाह मिलना मुश्किल है। कथित चूहे का यह तमाशा देखा नहीं, बल्कि घंटों जेल के सुरक्षाकर्मी उससे जूझते रहे।

जानकारी के मुताबिक, घटना मंगलवार को दोपहर बाद दिल्ली की मंडोली जेल (जेल नंबर 13) में घटी। एक कैदी कोर्ट में पेशी के बाद वापस जेल लौटा था। जेल वैन से उतारने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा में जेल के गेट के भीतर ले लिया गया।

जेल स्टाफ ने उसकी तलाशी ली। तब उसके पास से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। तिहाड़ जेल के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जेल के सुरक्षा कर्मी कैदी को जैसे ही सुरक्षा-पोल के पास लेकर पहुंचे, उनकी आंखें आश्चर्य से फटी रह गईं। अचानक सुरक्षा-पोल से अलर्ट करने वाली आवाज आने लगी।

परेशान हाल जेल सुरक्षाकर्मियों को खुद पर ही संदेह हुआ। उन्होंने सोचा कि कैदी की जामा-तलाशी लेने में वे जाने-अनजाने कोई भूल तो नहीं कर चुके हैं। लिहाजा मौके पर मौजूद अन्य जेल सुरक्षाकर्मियों ने भी गहनता से संदिग्ध कैदी की जांच की।

इस सबके बावजूद अलर्ट-अलार्म शांत नहीं हुआ। जैसे ही आरोपी को सुरक्षा-पोल के पास ले जाया जाए वह जेल कर्मियों को इशारा करने लगता कि संदिग्ध के पास कुछ संदिग्ध जरूर मौजूद है। जब कई घंटे मशक्कत के बाद भी सुरक्षा-पोल शांत नहीं हुआ, तो जेल सुरक्षाकर्मियों का बेचैन होना लाजिमी था।

आनन-फानन जेल के अधिकारियों को पूरा वाकया बताया गया। मौके पर अस्पताल के डॉक्टरों की टीम बुलाई गई। शक हुआ कि हो न हो कथित कैदी चूहे के बदन में अंदर कोई चीज जरूर छिपी है, जो बाहर से पकड़ में नहीं आ रही है।

संदिग्ध को तुरंत कड़ी सुरक्षा में दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल ले जाया गया। जब बात आई कि बदन में छिपी संदिग्ध चीज को निकालने के लिए अब शरीर के कुछ हिस्सों का ऑपरेशन करना पड़ेगा, तब संदिग्ध कैदी जेल अफसरों और डॉक्टरों की टीम के सामने डर कर चूहा सा बन गया।

उसने सारा राजफाश खुद ही कर दिया। संदिग्ध ने बताया, उसके पेट में डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन में इस्तेमाल किया जाने वाला सर्जिकल-ब्लेड मौजूद है। उसने पहले ब्लेड के ऊपर डॉक्टर टेप लगाई। उसके बाद उसे पानी से निगल लिया।

जेल सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के पेट में मौजूद सर्जिकल-ब्लेड को निकाले जाने के प्रयास जारी हैं। जेल के भीतर ब्लेड का आरोपी को क्या नाजायज इस्तेमाल करना था? इसका फिलहाल खुलासा नहीं हो सका है।

मंडोली जेल सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, जेल सुरक्षाकर्मियों के छक्के छुड़ा देने वाले आरोपी का ही उपनाम दरअसल चूहा है। उसका असली नाम सुनील है। वह पूर्वी दिल्ली जिले के त्रिलोकपुरी इलाके का रहने वाला है। उसके खिलाफ दिल्ली के थानों में लूट और चोरी के मामले विचाराधीन हैं।

-- आईएएनएस

Created On :   2 Oct 2019 5:00 PM GMT

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