सेना ने आत्मरक्षा में पत्थरबाजों पर गोली चलाने को सही बताया: सूत्र
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की गोलियों से हुई 2 कश्मीरी युवकों की मौत के मामले में आर्मी अपने सैनिकों का साथ देगी। सेना का मानना है कि इस घटना में सैनिकों ने कुछ गलत नहीं किया है। सैनिकों ने अपनी आत्मरक्षा में गोली चलाई है और कश्मीर में सेना के पास इसका विशेषाधिकार है।
सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सेना के बड़े अधिकारी इस मामले में ठीक वैसा ही रवैया अपनाएंगे जो उन्होंने मेजर लीतुल गोगोई के केस में अपनाया था। बता दें कि मेजर लीतुल गोगोई ने पत्थरबाजों को सबक सिखाने के लिए एक पत्थरबाज को जीभ पर बांधकर अपना काफिला तनावग्रस्त क्षेत्र से निकाला था। इस मामले में उनके खिलाफ एक्शन की मांग की गई थी लेकिन सेना ने मेजर के इस बर्ताव को सही ठहराया था।
ताजा मामले में भी सेना इसी रवैये के साथ पेश आएगी। बड़े सैन्य अफसरों का मानना है कि भीड़ का शिकार बनने से बचने के लिए आत्मरक्षा में सेना के दस्ते का फायरिंग करना सही फैसला था। सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि इस मामले में सेना कोई कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी नहीं कराएगी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 27 जनवरी को 200 से 250 पत्थरबाज सेना की काफिले को निशाना बना रहे थे। शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सुरक्षा बलों के एक काफिले पर पत्थरबाजों ने पथराव किया था। जवाबी कार्रवाई में सेना को फायरिंग करनी पड़ी थी। फायरिंग में दो पत्थरबाजों की मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में सेना के मेजर समेत कुछ सैनिकों पर FIR दर्ज की है।
इस मामले पर पिछले तीन दिनों से जम्मू-कश्मीर में सियासी घमासान चल रहा है। विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस जहां इस मामले में पत्थरबाजों के साथ खड़ी है। वहीं बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में भी इस मामले पर टकराव है। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे के विपरीत बयानबाजी कर रहे हैं।
Created On :   30 Jan 2018 9:50 PM IST