डिजिटल डेस्क, जम्मू। घाटी में रमजान के दौरान केंद्र सरकार के सीजफायर के फैसले पर जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने खुशी जाहिर की हैं। उन्होंने इस फैसले पर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताई है। हालांकि, डीजीपी का कहना है कि आंतकियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए उन्हें जो सही लगेगा वही करेंगे। बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने तय किया था कि रमजान के दौरान सेना राज्य में आतंकियों के खिलाफ कोई ऑपरेशन नहीं चलाएगी।  

 



हम वहीं करेंगे जो हमें सही लगता है
मीडिया से बात करते हुए रविवार को डीजीपी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि केंद्र के इस फैसले से लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।" वहीं उन्होंने अमरनाथ यात्रा को लेकर कहा, "केंद्र के इस फैसले के बाद हमें उम्मीद है कि अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा कराया जा सकेगा और घाटी में भी एक बेहतर माहौल स्थापित करने में मदद मिलेगी।" आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा केंद्र सरकार के इस फैसले का बहिष्कार किए जाने पर डीजीपी ने कहा, "लश्कर का बयान उसकी अपनी सोच है और हम वही करेंगे जो हमें सही लगता है।"

केंद्र ने शर्तों के साथ दी थी मंजूरी
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था जिसमें कहा गया था कि रमजान के दौरान सेना राज्य में आतंकियों के खिलाफ कोई ऑपरेशन नहीं चलाएगी। हालांकि कुछ शर्तों के साथ केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी थी। केंद्र की तरफ से कहा गया था कि अगर सेना पर इस दौरान हमला होता है तो वह जवाबी कार्रवाई करने के लिए आजाद होगी। गृहमंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।

720 से ज्यादा बार सीजफायर उल्लंघन 
जानकारी के मुताबिक 2018 में जम्मू कश्मीर में इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास पाकिस्तान ने 720 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। पिछले 7 सालों में सीजफायर का ये उल्लंघन सबसे ज्यादा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इस साल अक्टूबर तक इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास 724 बार सीजफायर उल्लंघन किया है जबकि वर्ष 2016 में यह संख्या 449 थी।  

Created On :   20 May 2018 3:50 PM GMT

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