JNU में जून में पकाई-खाई थी बिरयानी, यूनिवर्सिटी ने लगाया जुर्माना

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) हमेशा से ही सुर्खियों में रही है। इस बार वजह स्टूडेंट्स का आंदोलन नहीं बल्कि इस बार कारण हैं "बिरयानी"। JNU कैंपस में कुछ स्टूडेंट्स को बिरयानी बनाना और खाना काफी महंगा पड़ गया। बिरयानी की दावत के बदले विश्वविद्यालय ने 6,000 रुपए का जुर्माना लगा दिया है। दअरसल जुर्माने का कारण है छात्रों की अनुशासनहीनता और उद्दंडता है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक के नजदीक 4 स्टूडेंट्स ने पहले तो बिरयानी पकाई और वहीं पर बैठकर चारों ने बिरयानी की दावत उड़ाई। स्टूडेंट्स की इस हरकत को विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने संस्थान के नियमों का उल्लंघन बताया है और स्टूडेंट्स पर आरोप लगाते हुए जुर्माना लगा दिया गया है। मुख्य प्रॉक्टर कौशल कुमार की ओर से नोटिस जारी किया गया, जिसमें लिखा है कि "4 स्टूडेंट्स ने मिलकर जून में प्रशासनिक ब्लॉक के पास कथित रूप से "बिरयानी" पकाई थी, जिसके बाद नियमों का उल्लघंन करने के आरोप में उनपर 6 हजार जुर्माना लगाया गया हैं।
छात्रों को जारी आदेश में कहा गया, "प्रॉक्टोरियल जांच में आपको प्रशासनिक ब्लॉक के निकट भोजन (बिरयानी) पकाने और इसके बाद अन्य छात्रों के साथ इसे खाने का दोषी पाया गया है।" जिसके बाद इस हरकत को गंभीर मानते हुए इस तरह के कार्य को गंभीर कार्रवाई की बात कही गई है।
साथ ही आगे से इस तरह कि किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होने की चेतावनी देते हुए कहा गया कि "जुर्माना अदा करने के लिए 10 दिन की समयसीमा दी जाती है और ऐसा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
स्टूडेंट्स यूनियन की पूर्व जनरल सेक्रेटरी पर लगे "बिरयानी" खाने के आरोप
बता दें आरोपी स्टूडेंट्स में जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की पूर्व जनरल सेक्रेटरी सतरूपा चक्रवर्ती भी है। जिन पर अलग से 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं। 8 नवंबर को भेजे गए इस नोटिस में चीफ प्रॉक्टर कौशल कुमार की ओर से कहा गया है कि उन्हें 27 जून को जेएनयू वीसी, प्रशासन और प्रो अतुल जौहरी के खिलाफ प्रोटेस्ट लीड करने और नारे लगाने का दोषी पाया गया है, जबकि कई बार सिक्यॉरिटी ने उनसे गुजारिश की। नोटिस में बताया गया है कि कोई भी धरना, प्रदर्शन जो अकैडमिक एक्टिविटी को डिस्टर्ब करे, वो अनुशासनहीनता है। साथ ही, एडमिन ब्लॉक की सीढ़ियों के पास बिरयानी पकाने के लिए भी उन्हें दोषी पाया गया है।
वहीं सतरुपा का कहना है, ये नोटिस जानबूझकर दिया गया है, प्रशासन का ये सिलसिला जारी है। बार बार ईमेल और लेटर देने के बावजूद जब वीसी हमसे मिलने को तैयार नहीं हुए तो हम उस दिन स्टूडेंट्स की समस्याओं को लेकर उनसे बात करने पहुंचे। वीसी फिर भी नहीं मिले तो हमने प्रोटेस्ट किया। और प्रोटेस्ट के दौरान इस तरह से खाना बनाना जेएनयू का कल्चर है। ये हमेशा से होता आया है। हमारा गोरिल्ला ढाबा भी इसी कल्चर का हिस्सा है, जहां चर्चाओं का दौर चलता है। सतरुपा का कहना है कि हॉस्टल मैनेजमेंट से सवाल करने पर कल हैदराबाद यूनिवर्सिटी में 10 स्टूडेंट्स को सस्पेंड किया गया है और आज जेएनयू में ये नोटिस स्टूडेंट्स पर हमला है।
Created On :   10 Nov 2017 12:05 PM IST