SC में जजों की नियुक्ति: जस्टिस जोसेफ को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में जंग

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SC में जजों की नियुक्ति: जस्टिस जोसेफ को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में जंग
SC में जजों की नियुक्ति: जस्टिस जोसेफ को लेकर कांग्रेस-बीजेपी में जंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं मिलने के बाद केंद्र सरकार और कांग्रेस के बीच विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट नहीं भेजने पर केंद्र को आड़े हाथों लिया है।

सिब्बल ने कहा कि हम लगातार कह रहे हैं कि न्यायपालिका खतरे में है। कानून कहता है कि सुप्रीम कोर्ट का कॉलिजियम कहता है वही होगा, जबकि सरकार चाहती है कि अगर उनके मन मुताबिक नहीं हुआ तो कॉलिजियम की सिफारिशों को नजरअंदाज करेगी और उसे मंजूरी नहीं देगी। उन्होंने कहा, सरकार न्यायपालिका के साथ जो बर्ताव कर रही है, वह पूरा देश जानता है। सरकार की मंशा साफ है कि वह जस्टिस जोसेफ को जज नहीं बनने देंगे।

दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि जस्टिस जोसेफ के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की राह में वरिष्ठता सबसे बड़ा रोड़ा है। केंद्र ने जस्टिस जोसेफ के नाम को लंबित रखे जाने पर तर्क दिए। कॉलिजियम ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए वरीयता क्रम में जस्टिस जोसेफ को पहले और मल्होत्रा को दूसरे नंबर पर रखते हुए सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी लेकिन जस्टिस जोसेफ के नाम को लंबित रखा। 

इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर केएम जोसेफ की पदोन्नति रोके रखने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। पी चिदंबरम ने ट्वीट किया कि, "खुश हूं कि इंदू मल्‍होत्रा ​सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगी। निराश हूं कि जस्‍ट‍िस केएम जोसेफ की नियुक्ति अभी भी रोकी गई है। केएम जोसेफ की पदोन्नति आखिर क्‍यों रोकी गई है? क्‍या इसके लिए उनका राज्‍य, उनका धर्म या उत्‍तराखंड केस में उनका फैसला लेना जिम्‍मेदार है?"

बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफारिश मानते हुए सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा को SC का जज नियुक्‍त किए जाने को मंजूरी दे दी है। इंदु सुप्रीम कोर्ट में वकील से सीधे जज बनने वाली पहली महिला होंगी।

वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा की शीर्ष अदालत में जज के रूप में नियुक्ति संबंधी वॉरंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के आग्रह को ‘अकल्पनीय’ बताते हुए कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं सुना गया। 

बता दें कि उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जोसेफ और इंदु मल्होत्रा को एक साथ सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त किए जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 100 से अधिक वकीलों ने याचिका दायर की थी।

जस्टिस जोसेफ के नाम को मंजूरी न दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए सीपीएम ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप की मांग की है। सीपीएम पोलित ब्यूरो ने इसे जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में अनावश्यक दखल बताते हुए कहा गया है कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित होगी। 

यह है मामला 
कॉलिजियम ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की नियुक्ति की भी सिफारिश की थी। स्वीकृति की प्रक्रिया में केवल इंदु मल्होत्रा का नाम आगे बढ़ सका है। 

 

Created On :   26 April 2018 11:47 AM

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