मोदी Bday Spcl: आजादी के बाद जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री
- 17 सितंबर 1950 के गुजरात के वड़नगर में हुआ था जन्म।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 68वां जन्मदिन आज।
- मोदी ने 26 मई 2014 को देश के 15वें प्रधानमंत्री की शपथ ग्रहण की थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात के एक छोटे से रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाला शख्स कभी दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का नेतृत्व करेगा, शायद ही ऐसा किसी ने सोचा होगा, लेकिन आज गुजरात के एक सामान्य परिवार में जन्में नरेंद्र मोदी आज भारत के 15वें प्रधानमंत्री हैं। 17 सितंबर को मोदी का 68वां जन्मदिन है। आइए जानते हैं उनके निजी जीवन से लेकर राजनीति तक का सफर।
नरेंद्र मोदी का निजी जीवन-
पीएम मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है। उनका जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात में मेहसाना जिले के वड़नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी और मां का नाम हीराबेन मोदी है। बेहद साधारण परिवार में जन्मे नरेंद्र मोदी 17 सितंबर 2018 को 68 साल के हो गए हैं।
26 मई 2014 को राष्ट्रपति भवन में नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। पीएम मोदी ने जन-धन योजना, ‘मेक इन इंडिया’ ‘श्रमेव जयते’ जैसी अनेक योजनाएं शुरू की हैं। 2015 में प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया बनाने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की। 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर पीएम ने ‘स्वच्छ भारत मिशन' की शुरुआत की।
मोदी पर आरोप लगते रहे लेकिन राज्य की राजनीति पर उनकी पकड़ लगातार मजबूत होती गई। दंगों के कुछ महीनों बाद ही दिसंबर 2002 के विधानसभा चुनावों में मोदी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने गुजरात के विकास को मुद्दा बनाया और फिर से जीत हासिल की। 2012 में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी गुजरात विधानसभा चुनावों में विजयी रही।
मोदी के सत्ता संभालने के करीब 5 महीने बाद ही गोधरा रेल हादसा हुआ जिसमें कई हिंदू कारसेवक मारे गए। इसके बाद फरवरी 2002 में ही गुजरात में मुस्लिमों के खिलाफ़ दंगे भड़के। इन दंगों में लगभग 2000 लोग मारे गए थे। इन दंगो के बाद मोदी पर कई तरह के आरोप लगे और बीजेपी में उन्हें पद से हटाने की बात भी उठी, लेकिन तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और उनके खेमे की ओर से मोदी को समर्थन मिला और वो पद पर बने रहे। गुजरात दंगों की वजह से मोदी को अमेरिका जाने का वीजा नहीं मिला था वहीं ब्रिटेन का रुख भी ऐसा ही था।
1995 में मोदी को बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी बनाया गया। 1998 में उन्हें संगठन का महासचिव बनाया गया। अक्टूबर 2001 तक वो इस पद पर रहे, लेकिन 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री के पद से हटाने के बाद मोदी को गुजरात की कमान सौंपी गई। उस समय गुजरात में भूकंप आया था और भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
1980 में जब मोदी गुजरात की बीजेपी ईकाई में शामिल हुए तो माना गया कि पार्टी को संघ के प्रभाव का सीधा फायदा होगा। वो 1988-89 में बीजेपी की गुजरात इकाई के महासचिव बनाए गए। नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी की 1990 की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद वो बीजेपी की तरफ से कई राज्यों के प्रभारी बनाए गए।
13 साल की उम्र में मोदी की सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गई और 17 की उम्र में उनकी शादी कर दी गई थी। मोदी के वैवाहिक जीवन को लेकर अक्सर ही सवाल उठते रहते हैं। पिछले चार विधान सभा चुनावों में अपनी वैवाहिक जीवन पर खामोश रहने के बाद नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि, अविवाहित रहने की जानकारी देकर उन्होंने कोई पाप नहीं किया। मोदी जी के मुताबिक, एक शादीशुदा के मुकाबले अविवाहित व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार तरीके से लड़ सकता है, क्योंकि उसे अपनी पत्नी, परिवार या फिर बच्चों की कोई चिन्ता नहीं रहती है। हालांकि नरेन्द्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव में शपथ पत्र प्रस्तुत कर जसोदाबेन को अपनी पत्नी स्वीकार किया है।
भारत - पाकिस्तान के बीच दूसरे युद्ध के दौरान उन्होंने अपनी इच्छा से रेलवे स्टेशनों पर सफर कर रहे सैनिकों की सेवा की। युवावस्था में वो छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हुए। बचपन से ही उनका संघ की तरफ झुकाव था और गुजरात में RSS का मजबूत आधार भी था। वो 1967 में अहमदाबाद पहुंचे और उसी साल उन्होंने RSS की सदस्यता ली। इसके बाद 1974 में वो नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए। इस तरह सक्रिय राजनीति में आने से पहले मोदी कई सालों तक आरएसएस के प्रचारक रहे।
स्कूल में भी कुशल वक्ता थे नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी बचपन में अपने पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय का स्टॉल लगाते थे, उन्हें पढ़ने का शौक तो था, लेकिन वो वाद-विवाद और नाटक प्रतियोगिताओं में ज्यादा रुचि रखते थे। वो कुशल वक्ता भी थे। इसके अलावा उनकी रुचि राजनीतिक विषयों पर नई-नई परियोजनाएं प्रारम्भ करने की भी थी।
माता-पिता की 6 संतानों में पीएम मोदी तीसरे हैं। मोदी का परिवार 'मोध घांची तेली' समुदाय से वास्ता रखता है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग में आता है। मोदी ने वड़नगर में ही स्कूल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने RSS के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।
Created On :   16 Sept 2018 12:37 PM IST