'56 इंच की छाती कूटकर 60 दिन मांग रहे थे, बड़ी चालाकी से बेवकूफ बनाया है'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोदी सरकार का महत्वपूर्ण बजट पेश किया है। इस बजट में अरुण जेटली ने किसान, स्वास्थ्य, टैक्स और नौकरी-पेशा वालों को ज्यादा फोकस किया है। मगर यह बजट विपक्षी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को एक रत्ती मात्र भी नहीं भाया है। इन नेताओं में एक राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव भी हैं। उन्होंने सीधा तंज कसते हुए कहा है कि ये लोग 56 इंच की छाती कूटकर 60 दिन मांग रहे थे, 60 दिन! मगर इन्होंने बड़ी चालाकी से जनता को बेवकूफ बनाया है।
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव आज सीबीआइ के विशेष कोर्ट में हाजिरी लगाने आए हुए थे। यहां कोर्ट रूम में जाने से पहले लालू प्रसाद ने बजट को हवा-हवाई बताया था। इसके बाद कोर्ट से निकलने के बाद बजट पर मीडिया के कहा कि ये बजट पूरी तरह किसान विरोधी है। देश में नौजवानों, बेरोजगारों की फौज है। महंगाई और गरीबी भी है। इस पर बजट में ध्यान नहीं दिया गया। मोदी ने कहा था कि किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, किया कर्जा माफ? नहीं किया। कहीं कोई ध्यान नहीं दिया गया। बजट की खानापूर्ति की गई।
इसके बाद लालू यादव ने सोशल मीडिया के जरिए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए इस बजट 2018 को लेकर मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा, "किसानों को छला जा रहा है। जवाब दो! किसानों का क़र्ज़ा माफ़ क्यों नहीं किया? कृषकों की आय को 2022 तक दुगुना कैसे किया जाएगा? इसका रोड मैप क्या है? सिर्फ़ हवाई बातों और मुँह ज़ुबानी ख़र्च से आय दुगुनी हो जायेगी क्या? किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रूक रही?"
किसानों को छला जा रहा है। जवाब दो!
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) February 1, 2018
किसानों का क़र्ज़ा माफ़ क्यों नहीं किया?
कृषकों की आय को 2022 तक दुगुना कैसे किया जाएगा? इसका रोड मैप क्या है?
सिर्फ़ हवाई बातों और मुँह ज़ुबानी ख़र्च से आय दुगुनी हो जायेगी क्या?
किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रूक रही?
लालू यादव यहीं नहीं रुके, उन्होंने दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा, उन्होंने कहा, "जनता ने बहुमत 2019 तक दिया था ना कि 2022 तक। बड़ी चालाकी से अपनी विफलताओं और जवाबदेही को 2022 पर फेंक रहे है। बड़ा छाती कूटकर 60 दिन माँग रहे थे, 60 दिन!"
जनता ने बहुमत 2019 तक दिया था ना कि 2022 तक। बड़ी चालाकी से अपनी विफलताओं और जवाबदेही को 2022 पर फेंक रहे है। बड़ा छाती कूटकर 60 दिन माँग रहे थे, 60 दिन!
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) February 1, 2018
गौरतलब है कि आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के देवघर कोषाघार से जुड़े केस के बाद अब चाईबासा से जुड़े एक दूसरे केस में भी दोषी पाए गए हैं। चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार गबन मामले में 24 जनवरी को रांची हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। सजा का ऐलान करते हुए 5 लाख का जुर्माना लगाया साथ में 5 साल की सजा भी सुनाई।
Created On :   1 Feb 2018 5:00 PM IST