कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन, सुधार की मांग को लेकर सोनिया को लिखी गई चिट्ठी
नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस कार्य समिति (सी डब्ल्यू सी) की सोमवार को होने वाली बैठक से पहले पार्टी के कई नेताओं का लिखा हुआ एक पत्र सामने आया है जिसमें पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन और सुधार करने की मांग की गई है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के पार्टी का नेतृत्व संभालने को लेकर कोई चुनौती नहीं है, लेकिन अगर कोई दूसरा नेता अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश करता है तो पार्टी में जबरदस्त घमासाम मच सकता है। बता दें कि राहुल गांधी पहले ही पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर चुके हैं।
माना जा रहा है कि राहुल गांधी पार्टी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल का नाम आगे कर सकते हैं। इसलिए हर नेता अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है। लेकिन अगर कार्य समिति चुनाव कराने पर फैसला लेती है तो बात वहीं खत्म हो सकती है। इस बीच पता चला है कि कांग्रेस के बड़े नेता असंतुष्टों से बात करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
राज्य सभा सांसद पी.एल. पुनिया ने कहा, हम राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग करते हैं। पार्टी के दूसरे गुट की भी यही राय है।
कांग्रेस पार्टी से निलंबित प्रवक्ता संजय झा ने कहा, करीब 300 कांग्रेसी नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। ये नेता देश के हर कोने से हैं। लेकिन सिर्फ 23 नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।
कांग्रेस ने पहले किसी भी पत्र से इनकार किया था लेकिन अब 20 नेताओं के हस्ताक्षर का पत्र सामने आ रहा है।
पत्र में भाजपा के उत्थान पर चिंता जताई गई है और पार्टी के लिए एक फुल-टाइम अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई है। पिछले साल के अगस्त महीने से ही सोनिया गांधी पार्टीी की अंतरिम अध्यक्ष पद पर हैं।
पत्र में ये भी कहा गया है कि देश आर्थिक संकट, कोरोना महामारी और चीन से सीमा विवाद के संकट से जूझ रहा है। इन नेताओं का कहना है कि कार्य समिति से लेकर पार्टी के दसूरे सभी पदों के लिए चुनाव होने चाहिए। इसके साथ ही पार्लियामेंट्री बोर्ड को भी फिर से जीवित किया जाना चाहिए।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख हैं -- गुलाम नबी आजाद, आनन्द शर्मा, भूपिन्दर सिंह हूडा, वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चौहान आदि।
पत्र में कहा गया है कि हार पर पश्चाताप करने के बजाय पार्टी आगे का एजेंडा सेट करे और भाजपा को घेरने के लिए एक नई रणनीति बनाए। इसके अलावा राज्यों में नेतृत्व को और ज्यादा स्वतंत्रता देने की मांग की गई है।
सूत्रों के मुताबिक पत्र में सोनिया गांधी के कामकाज की भी तारीफ की गई है।
पत्र में कहा गया है कि पार्टी लगातार नीचे की ओर जा रही है और भाजपा से लड़ने में विफल साबित हो रही है।
सोमवार को होने वाली कार्य समिति की बैठक में पार्टी सभी मुद्दों पर खुल कर चर्चा करना चाहती है।
एसकेपी
Created On :   23 Aug 2020 4:30 PM IST