राफेल डील: अब 14 मार्च को सुनवाई, सरकार बोली - CBI जांच से देश को होगा नुकसान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस के बाद सुनवाई के लिए अगली तारीख दे दी गई है। अब 14 मार्च को इस मामले पर फिर से सुनवाई की जाएगी। आज (बुधवार) को राफेल डील को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज करने के अपने 14 दिसंबर के फैसले की समीक्षा वाली दो पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हुई। इन याचिकाओं पर खुली अदालत के बजाए चैम्बर में सुनवाई की गई। इन याचिकाओं को पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर किया है।
Advocate Prashant Bhushan told the SC that we have also made a supplementary affidavit based on reports by The Hindu"s Narasimman Ram. CJI Ranjan Gogoi says, "We don"t want any supplementary stuff. We have read what all you have given us." https://t.co/pWDNt5Lsk0
— ANI (@ANI) March 6, 2019
सुनवाई के दौरान इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन डॉक्यूमेंट को अंग्रेजी अखबार ने छापा है वह रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए थे। हम इसकी आंतरिक जांच कर रहे हैं। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रक्षा मंत्रालय से कुछ दस्तावेज चोरी हुए हैं। इस मामले में जांच अभी लंबित है। हम एक ऐसी रक्षा खरीद से जुड़े हैं जिसमें देश की सुरक्षा शामिल है। यह काफी संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा कि ये केस काफी अहम है। अखबार ने कुछ गोपनीय जानकारी सार्वजनिक कर दी हैं।
Attorney General (AG), KK Venugopal told Supreme Court that certain documents were stolen from the Defence Ministry either by public servants and an investigation is pending. We are dealing with defence purchases which involve security of the state. It is a very sensitive case. https://t.co/pWDNt5Lsk0
— ANI (@ANI) March 6, 2019
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एफ 16 उन्नत किस्म का जहाज है, क्या हमें उससे बेहतर जहाज नहीं चाहिए। वैसे मिग ने अच्छा काम किया है जो 1960 का बना है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में सीबीआई जांच कराई जाती है तो राफेल डील में डैमेज होगा। जो देशहित में ये ठीक नही है। राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला रिव्यू में नहीं है। अगर सवाल है कि जांच की मांग पर विचार नहीं हुआ तो फिर आप गंभीर आरोपों की जांच की मांग पर राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि तीनों याचिकाकर्ताओं ने कहा कि शीर्ष अदालत ने बिना हस्ताक्षर वाले सीलबंद नोट में सरकार द्वारा किए गए "बिल्कुल असत्य दावों" पर भरोसा किया। उन्होंने दावा किया है कि यह फैसला स्पष्ट त्रुटियों पर आधारित है और बाद में जो सूचनाएं आई हैं, उन पर गौर नहीं करना इंसाफ का गला घोंटना होगा। वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्होंने एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी एन राम की रिपोर्ट के आधार पर एक पूरक हलफनामा भी दायर किया है। इस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, हम कोई पूरक हलफनामा नहीं देखना चाहते। आप लोगों ने जो हमें दिया है उसे हमने पढ़ा है। कोर्ट ने प्रशांत भूषण के हलफनामे को स्वीकार से साफ इनकार कर दिया है।सुनवाई की शुरुआत में पुर्नविचार याचिका दायर करने वाले प्रशांत भूषण ने 8 पेज का नोट कोर्ट को दिखाया। हालांकि, कोर्ट की ओर से कहा गया है कि वह इस मामले में कोई नया सबूत नहीं लेंगे, जो चीज़ें उपलब्ध हैं उन्हीं पर बात होगी।
Rafale Jet Deal case: CJI says, "Primary question is that should the court not look into the evidence or the document, if there is relevance or corruption?"AG Venugopal says, "It should not be looked into as it deals with defence and secrets."
— ANI (@ANI) March 6, 2019
गौरतलब है कि जिस अंग्रेजी अखबार में रक्षामंत्रालय से चोरी किए गए राफेल के पेपर को लेकर अखबार ने खबर छापी थी। उसी अखबार का हवाला देकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में मोदी सरकार पर राफेल सौदे में गडबड़ी के आरोप लगाए थे।
आप के संजय को सुप्रीम कोर्ट से झटका
राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुनवाई के दौरान जब उनके वकील दलील देने के लिए खड़े हुए तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हम संजय सिंह को नहीं सुनेंगे उन्होंने कुछ ऐसी टिप्पणियां की हैं जो ठीक नहीं हैं। चीफ जस्टिस ने संजय सिंह को कोर्ट की अवमानना के मामले में पेश होने को कहा है।
Created On :   6 March 2019 9:05 AM IST