मोदी सरकार की बेरुखी! 50 हजार मदरसा टीचरों को 2 साल से नहीं मिला वेतन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में 16 राज्यों के करीब 50 हजार से अधिक मदरसा टीचरों को पिछले 2 साल से वेतन नहीं मिला है। ये सभी टीचर केंद्रीय योजना के तहत पंजीकृत मदरसों में नियुक्त हैं। आर्थिक तंगी के चलते अधिकतर टीचरों ने नौकरी छोड़ दी है, या फिर पढ़ाने के साथ दूसरा रोजगार शुरू कर दिया है। बताया गया है कि नरेंद्र मोदी की सरकार पिछले दो वर्षों से इसके लिए आवंटित फंड जारी नहीं कर रही है। इससे देश के 16 राज्यों के मदरसा प्रभावित हुए हैं। इन 16 राज्यों में से अधिकतर BJP शासित राज्य ही हैं।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार इन मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने वाली केंद्रीय योजना (SPQEM) के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इस योजना के तहत ग्रैजुएट टीचरों को 6 हजार और पीजी टीचरों को 12 हजार रुपये का भुगतान केंद्र की ओर से किया जाता है। यह राशि उनके कुल वेतन का क्रमश: 75 और 80 प्रतिशत है। बाकी की राशि संबंधित राज्य सरकारों की ओर से दी जाती है। ऐसे में केंद्रीय अनुदान नहीं मिलने से योजना के अंतर्गत आने वाले मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है।
2 साल से नहीं हुआ केंद्रीय अनुदान का भुगतान
मदरसा टीचरों की इस हालत पर जब उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने भी केंद्र सरकार से फंड नहीं मिलने की ही बात कही है। राहुल ने बात करते हुए केंद्रीय अनुदान का भुगतान नहीं होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2016-17 के लिए 296.31 करोड़ रुपया जारी नहीं किया है। साल 2017-18 के लिए भी अभी तक सहायता राशि मुहैया नहीं कराई गई है।
अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के अध्यक्ष मुस्लिम रजा खान ने कहा, ‘भारत में कुल 18,000 मदरसा हैं, जिनमें आधे सिर्फ यूपी में ही हैं। यहां 25,000 शिक्षक कार्यरत हैं। 16 राज्यों के मदरसा शिक्षकों को केंद्रीय योजना के तहत मिलने वाली राशि का दो वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है। कुछ राज्यों में तो 3 साल से उन्हें वेतन नहीं मिला है। ऐसे में हम लोगों ने 8 जनवरी को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि मदरसा में अच्छी पढ़ाई मुहैया कराने के उद्देश्य से वर्ष 2008-09 में विशेष योजना लाई गई थी। इसके तहत शिक्षकों के वेतन का महत्वपूर्ण हिस्सा केंद्र की ओर से दिया जाता है।
Created On :   25 Dec 2017 6:55 PM IST