महाराष्ट्र पुलिस अब खुद खरीदेगी वर्दी के लिए कपड़ा, जानिए कारण...

maharashtra police self purchasing clothes for uniform police department
महाराष्ट्र पुलिस अब खुद खरीदेगी वर्दी के लिए कपड़ा, जानिए कारण...
महाराष्ट्र पुलिस अब खुद खरीदेगी वर्दी के लिए कपड़ा, जानिए कारण...

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वर्दी में एक रूपता लाने के लिए महाराष्ट्र पुलिस खुद कर्मचारियों के लिए कपड़े खरीदेगा। इसके अलावा लाठियां भी विभाग की तरफ से ही खरीदकर दी जाएंगी। अब तक पुलिस वालों को हर साल वर्दी के लिए अलग से पैसे दिए जाते थे। एक अधिकारी के मुताबिक फिलहाल हर पुलिसकर्मी को किट खरीदने के लिए सालाना 5167 रुपए दिए जाते हैं।

इसके बाद पुलिसकर्मी अपने हिसाब से कपड़ा खरीदकर उसे सिलाते हैं, लेकिन इससे पुलिसकर्मियों के कपड़े की गुणवत्ता और रंग में फर्क आता है। अगर पुलिसकर्मी परेड में शामिल हों या अन्य किसी वजह से एक जगह इकठ्ठा हों तो वर्दी में अंतर साफ तौर पर उभर कर आता है। इसीलिए पुलिस विभाग ने खुद कपड़े खरीदकर कर्मचारियों को देने का फैसला किया। यह वर्दी हवलदार से लेकर सहायक उप निरीक्षक दर्जे के पुलिसकर्मियों को दिए जाएंगे।

बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस में दो लाख 20 हजार लोग तैनात हैं। इनमें से दो लाख कर्मचारी हैं जबकि करीब 20 हजार पुलिस अधिकारी। अधिकारी के मुताबिक पुलिसकर्मियों को अच्छे और चमकदार कपड़े दिए जाएंगे। एक साथ खरीदारी करने से पैसों की भी बचत होगी। खाकी कपड़े उन्हीं पैसों से खरीदे जाएंगे जो पहले सीधे पुलिसकर्मियों को दे दिए जाते थे।

पुलिस महानिदेशक के दफ्तर में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि बहुत जल्द हम कांस्टेबुलरी स्तर के पुलिस कर्मियों के लिए वर्दी का कपड़ा प्राप्त करना शुरू कर देंगे, जो कांस्टेबल से लेकर सहायक उपनिरीक्षक स्तर के कर्मियों के लिए होगा। उन्होंने कहा कि यह वर्दी नीति में बड़ा बदलाव होगा। विभाग ने समूचे राज्य में पुलिस स्टाफ को खाकी कपड़ा देने का निर्णय किया है ताकि वर्दी के रंग में एकरूपता आ जाए।

परेड में साफ नजर आता है अंतर
एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा चलन के मुताबिक सरकार प्रत्येक पुलिसकर्मी को किट खरीदने के लिए सालाना तौर पर 5,167 रुपए देती है। इस किट में वर्दी का कपड़ा और लाठी शामिल है। उन्होंने कहा कि पुलिस महकमे के सदस्य इन रुपए से खाकी कपड़ा खरीदते हैं, जिस वजह से वर्दी के अलग-अलग शेड्स सामने आते हैं। ये अंतर परेड के दौरान साफ नजर आता है। सरकार के इस कदम से यह अंतर खत्म हो जाएगा और सभी की वर्दी एक जैसे कपड़े से सिलाई जा सकेगी।

Created On :   11 Feb 2018 8:51 PM IST

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