मालदीव ने ठुकराया इंडियन नेवी का न्योता, ये बताई वजह

Maldives declines invitation for MILAN exercises
मालदीव ने ठुकराया इंडियन नेवी का न्योता, ये बताई वजह
मालदीव ने ठुकराया इंडियन नेवी का न्योता, ये बताई वजह

डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। नौसेना अभ्यास "मिलन" 6 मार्च से शुरु हो रहा है। इस अभ्यास के लिए भारत ने मालदीव को भी निमंत्रण दिया था। लेकिन मालदीव ने भारत के इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है। इस निमंत्रण के ठुकराने की वजह मालदीव में लगी इमरजेंसी को बताया जा रहा है। नौसेना अभ्यान "मिलन" का आयोजन अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में होना है। बताया जा रहा है कि करीब 16 देश इस अभ्यास में शिरकत करने के लिए अपनी मंजूरी दे चुके है।

अन्य देशों के नेवी चीफ के सामने उठ सकता है मुद्दा
भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने जानकारी देते हुए बताया कि मालदीव ने द्विवार्षिक नौसेना अभ्यास में शिरकत का भारत का निमंत्रण ठुकरा दिया है। नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि अभ्यास के दौरान दूसरे देशों के नेवी चीफ के सामने यह मुद्दा उठ सकता है। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता डीके शर्मा ने कहा कि "मिलन" अभ्यास के दौरान समुद्री सैनिक गतिविधियों को लेकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और समुद्र में गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने पर विचारों का आदान-प्रदान भी होगा।

मालदीव के इनकार की वजह
भारत में मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद ने कहा कि, मालदीव में चल रहे संकट के कारण भारत के न्योते को ठुकराया गया है। दरअसल मालदीव फिलहाल राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है। मालदीव के प्रेसिडेंट अब्दुल्ला यामीन ने वहां 5 फरवरी से इमरजेंसी लगाई थी। ये इमरजेंसी 15 दिनों के लिए लगाई गई थी। लेकिन बिगड़ते हालातों को देखते हुए इमरजेंसी को 30 दिन कर दिया गया। इमरजेंसी बढ़ाने पर भारत ने अपनी आपत्ति जताई थी और इसे असंवैधानिक करार दिया था।

इसलिए किया जा रहा आयोजन
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सामुद्रिक ताकत को ध्यान में रखते हुए "मिलन" का आयोजन किया जा रहा है। दरअसल भारत और अमेरिका समेत कई अन्य देश साउथ चाइना सी के विवाद में चीन को काउंटर करने की कोशिश कर रहे हैं। चीन इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है जबकि बाकी देश स्वतंत्र आवाजाही को बढ़ावा देने की वकालत कर रहे हैं। इस नौसेना अभ्यास में इस मुद्दे को भी उठाया जाएगा।

1995 में शुरू किया गया था "मिलन"
मिलन एक्सरसाइज को 1995 में शुरू किया गया था। पहली बार इस एक्सरसाइज में 4 देशों ने शिककत की थी। इसका मकसद पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की नौसेनाओं के दोस्ताना संबंधों को बढ़ावा देना है। समुद्री क्षेत्र में ​स्थिरता और समुद्री मार्गों से कारोबार को देखते हुए यह एक्सरसाइज काफी अहम है। पश्चिमी क्षेत्र में समुद्री मार्गों की सुरक्षा की अहमियत पहले से है, लेकिन मलक्का स्ट्रेट से होकर भी भारत का बड़ा कारोबार होता है। इस लिहाज से मिलन, एक्ट ईस्ट पॉलिसी का प्रमुख आधार है।

Created On :   27 Feb 2018 5:34 PM IST

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