मन की बात: PM मोदी बोले- आज का भारत पुराने ढर्रे पर चलने को तैयार नहीं

Mann Ki Baat program live broadcast PM Modi addressed the Mann Ki Baat program Mann Ki Baat 62 episodes
मन की बात: PM मोदी बोले- आज का भारत पुराने ढर्रे पर चलने को तैयार नहीं
मन की बात: PM मोदी बोले- आज का भारत पुराने ढर्रे पर चलने को तैयार नहीं
हाईलाइट
  • पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम से देश को संबोधित किया
  • मन की बात में भारत की जैव विविधता का जिक्र
  • हमारा नया भारत अब पुराने approach के साथ चलने को तैयार नहीं है- PM

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 62वें  "मन की बात" कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस साल पीएम मोदी का यह दूसरा मन की बात रेडियो कार्यक्रम था। इससे पहले पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस पर शाम छह बजे "मन की बात" की थी। वो उनका साल का पहला रेडियो कार्यक्रम था। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कुछ दिनों पहले, मैंने दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किए। इन दिनों हमारे देश के बच्चों और युवाओं में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही है। अंतरिक्ष में रिकॉर्ड सैटेलाइट का प्रक्षेपण, नए-नए रिकॉर्ड, नए-नए मिशन हर भारतीय को गर्व से भर देते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, बच्चों के, युवाओं के उत्साह को बढ़ाने के लिए उनमें साइंटिफिक टैंपर को बढ़ाने के लिए एक और व्यवस्था शुरु की गई है। अब आप श्रीहरिकोटा से होने वाले रॉकेट लॉंचिंग को सामने बैठकर देख सकते हैं।हाल ही में इसे सबके लिए खोल दिया गया है। 

पीएम मोदी ने कहा, 31 जनवरी 2020 को लद्दाख़ की खूबसूरत वादियां, एक ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी। लेह के कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान ने जब उड़ान भरी तो एक नया इतिहास बन गया। इस उड़ान में 10% इंडियन Bio-jet fuel का मिश्रण किया गया था। 

पीएम मोदी ने कहा, हमारा नया भारत अब पुराने approach के साथ चलने को तैयार नहीं है। खासतौर पर New India की हमारी बहनें और माताएं तो आगे बढ़कर उन चुनौतियों को अपने हाथों में ले रही हैं। 

पीएम मोदी ने कहा, बिहार के पूर्णिया की कहानी देश के लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है। विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना। उन्होंने कहा, पहले इस इलाके की महिलाएं, शहतूत या मलबरी के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकून तैयार करती थीं। जिसका उन्हें बहुत मामूली दाम मिलता था। आज पूर्णिया की महिलाओं ने एक नई शुरुआत की और पूरी तस्वीर ही बदल कर के रख दी। इन महिलाओं ने सरकार के सहयोग से मलबरी-उत्पादन समूह बनाए। इसके बाद उन्होंने कोकून से रेशम के धागे तैयार किये फिर उन धागों से खुद ही साड़ियां बनवाना शुरू कर दिया जो अब हजारों रुपयों में बिक रही हैं।

105 साल की  भागीरथी अम्मा का जिक्र
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोल्लम के पराकुलम की 105 साल की महिला भागीरथी अम्मा का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं और कुछ कर गुजरना चाहते हैं तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मरना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा हमें यही प्रेरणा देती है। 10 साल से कम उम्र में उन्हें अपना स्कूल छोड़ना पड़ा था। 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर पढाई शुरू की। इतनी उम्र होने के बावजूद उन्होंने लेवल-4 की परीक्षा दी और 75 फीसद अंक प्राप्त किए।

एडवेंचर का होना जरुरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां घने जंगलों का बसेरा है, वहीं समुद्र का असीम विस्तार है। इसलिए मेरा आप सबसे विशेष आग्रह है कि आप भी अपनी पसंदीदा जगह, अपनी रुचि की एक्टिविटी चुनें, अपने जीवन को एडवेंचर के साथ जरूर जोड़ें, जिंदगी में एडवेंचर तो होना ही चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, हर भारतीय को ये बात छू जाएगी कि जब इस महीने की शुरूआत में काम्या ने चोटी को फतेह किया और सबसे पहले, वहां, हमारा तिरंगा फहराया। मुझे यह भी बताया गया है कि देश को गौरवान्ति करने वाली काम्या, एक नए मिशन पर है, जिसका नाम है मिशन साहस। इसके तहत वो सभी महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने में जुटी है। मैं उन्हें इसके लिए शुभकमाएं देता हूं। 


मन की बात में सलमान का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरादाबाद के हमीरपुर गांव में रहने वाले दिव्यांग सलमान की कहानी भी साझा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल ही में मैने मीडिया में एक ऐसी कहानी पढ़ी जिसे में आपसे जरूर साझा करना चाहता हूं। ये कहानी मुरादाबाद के हमीरपुर गांव में रहने वाले सलमान की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सलमान जन्म से ही दिव्यांग हैं। उनके पैर, उनका साथ नहीं देते हैं। इस कठिनाई के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी, खुद ही अपना काम शुरू करने का फैसला किया। साथ ही ये भी निश्चय किया कि अब वो अपने जैसे दिव्यांग साथियों की मदद करेंगे। फिर क्या था, सलमान ने अपने गांव में चप्पल और डिटर्जेंट बनाने का काम शुरू कर दिया।

प्रधानममंत्री मोदी ने कहा कि देखते ही देखते उनके साथ 30 दिव्यांग साथी जुड़ गए।आप भी ये गौर करिए कि सलमान खुद से चलने में दिक्कत थी लेकिन उन्होंने दूसरों का चलना आसान करने वाली चप्पल बना दी। सलमान ने सभी दिव्यांगों को ट्रेनिंग दी।सलमान ने 100 और दिव्यांगों को रोजगार देने का संकल्प लिया है।

 


 

Created On :   23 Feb 2020 6:52 AM GMT

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