कॉलेजियम विवाद पर बोले पूर्व CJI लोढ़ा, काम में लाएं पारदर्शिता
- जस्टिस खन्ना से राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग ज्यादा वरिष्ठ
- पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा
- कॉलेजियम पर नहीं उठना चाहिए सवाल
- सुप्रीम कोर्ट के जज
- जस्टिस संजय किशन कौल भी उठा चुके हैं सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश पर विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा ने कॉलेजियम की सिफारिश पर ही सवाल उठा दिए हैं। जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि कॉलेजियम के काम में पारदर्शिता होनी चाहिए, यह एक संस्था की तरह काम करता है।
जस्टिस लोढ़ा ने कहा हर फैसले को एक तर्क के साथ उसके अंत तक पहुंचना चाहिए, इसलिए यह जरूरी है कि फैसला बदलने के बाद उसके कारणों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जज जस्टिस संजय किशन कौल भी कॉलेजियम के फैसले पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को खत लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज की थी।
जस्टिस कौल ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग ज्यादा वरिष्ठ हैं, ऐसे में जस्टिस खन्ना को वरियता देना ठीक नहीं होगा। फैसले से गलत संदेश जाएगा। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कैलाश गंभीर भी इस पर आपत्ति दर्ज कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कॉलेजियम के फैसले को गलत बताया था।
Retd judge of Delhi HC Justice Kailash Gambhir on elevation of Justice Sanjiv Khanna Justice Dinesh Maheshwari to SC: Collegium was to recommend Delhi HC Chief Justice Rajendra Menon Justice Pradeep Nandrajog. With a change in collegium, why is there a change in the decision? pic.twitter.com/8R0NEfhBhU
— ANI (@ANI) January 16, 2019
Created On :   16 Jan 2019 3:58 PM IST