सीएए विरोधी हिंसा की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मायावती की मांग

Mayawati demands high-level judicial inquiry into anti-CAA violence
सीएए विरोधी हिंसा की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मायावती की मांग
सीएए विरोधी हिंसा की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मायावती की मांग

लखनऊ, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), 2019 के विरोध में हो रही हिंसा पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने केन्द्र व प्रदेश सरकार से उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करने के लिए कहा है।

मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं, यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।

उन्होंने आगे लिखा, ऐसे में उप्र व केंद्र सरकार को चाहिए कि वे इन वारदातों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराएं और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिए तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए। वरना यह आग पूरे देश में, खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है। साथ ही, सभी संप्रदायों से यह भी अपील है कि वे शान्ति-व्यवस्था को बनाए रखें।

इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर चुकी हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, प्रदेश सरकार हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्घ है। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि सभी लोग कानून का पालन करें। राज्य में कायम अमन चैन के माहौल को प्रभावित करने की किसी को अनुमति नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून के सन्दर्भ में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें।

प्रशासन ने आदेश दिया है कि इन जिलों में धारा 144 का सख्ती से पालन किया जाए। वहीं, सहारनपुर, अलीगढ़ और मेरठ में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। साथ ही गृह विभाग ने इन जिलों के जिलाधिकारी और एसपी को सतर्क रहने को कहा है।

Created On :   16 Dec 2019 7:00 AM GMT

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