सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही होगा गठबंधन, अकेले भी लड़ सकते हैं चुनाव: मायावती
- प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत को भाजपा ने बनाया राजनैतिक मुद्दा
- बहुजन समाज पार्टी चीफ मायावती ने गठबंधन पर अपना दांव अभी नहीं खेला है
- मायावती ने कहा है कि हम किसी से भी गठबंधन को तैयार हैं बस सम्मानजनक सीटें मिलें
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी चीफ मायावती ने गठबंधन पर अपना दांव अभी नहीं खेला है। मायावती ने कहा है कि हम किसी भी चुनाव में किसी भी प्रदेश में गठबंधन करने के लिए तैयार हैं, बस हमें सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए। ऐसा न होने पर हम अकेले भी चुनाव लड़ सकते हैं। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर भी मायावती ने निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भाजपा लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश तेज करने लगी है। भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी नहीं बख्शा और उनकी मौत को भुनाने की कोशिश कर रही है।
We will agree to alliance anywhere in any election only when we get a respectable share of seats, otherwise BSP will contest alone: Former UP CM Mayawati pic.twitter.com/iiFuuvde6h
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2018
मायावती ने कहा कि अटल जी के जिंदा रहते भाजपा ने उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश नहीं की। ये बातें मायावती ने लखनऊ के 9 माल एवेन्यू स्थित अपने नए बंगले में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहीं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वो एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के बीच भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खाली पदों पर भर्तियां नहीं कर रही है। एससी-एसटी एक्ट पर 2 अप्रैल को हुए बंद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के युवाओं को जेल में ठूंस दिया गया है। ये घटना बताती है कि भाजपा दलित विरोधी पार्टी है।
दलित शब्द का इस्तेमाल गलत नहीं
मायावती ने कहा कि भाजपा में दोहरे चालचरित्र के लोग भरे पड़े हैं, जो कहते कुछ और हैं तो करते कुछ और ही हैं। भाजपा पर भरोसा करना ठीक वैसा ही है, जैसा कि अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारना। दलित शब्द के प्रयोग से आपत्ति पर मायावती ने कहा कि संविधान में देश का नाम भारत दर्ज है, लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग इसे हिंदुस्तान भी कहते हैं। जब उनके हिंदुस्तान कहने पर किसी को आपत्ति नहीं है तो दलित शब्द के इस्तेमाल से किसी को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। वहीं, अभी हाल ही में जेल से छूटे भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर द्वारा उन्हें "बुआजी" कहे जाने पर मायावती ने जवाब दिया कि मेरा मतलब दलित, आदिवासी, पिछड़ी जाति के लोगों व आम जनता से है। बाकी किसी से मेरा कोई संबंध नहीं।
Created On :   16 Sept 2018 4:03 PM IST