यूपी में खोई हुई जमीन तलाशने के लिए मायावती करेंगी रैलियां

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लालू यादव की पटना में हुई "बीजेपी भगाओ, देश बचाओ" रैली की तरह अब मायावती भी पूरे यूपी में रैलियां करेंगी और गैर बीजेपी संगठनों को इकठ्ठा करेंगी। ये रैलियां 18 सितंबर से पूरे प्रदेश में होंगी। पूरे यूपी में अब 6 रैलियां होगी। पहले 9 रैलियों की बात कही जा रही थी।
गौरतलब है कि मायावती 27 अगस्त की लालू की रैली में शामिल नहीं हुई थी। एक तरफ मायावती ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे लालू यादव की विपक्षी एकता में जाने से मना कर दिया था, लेकिन अब वे खुद उसी राह पर चल पड़ी हैं और राज्य में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एक साथ लाने के प्रयास में लगी हैं।
पिछले चुनावों में हार बड़ा कारण
3 बार यूपी की CM रहीं मायावती को अब उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती नजर आ रही है। अपने बड़े वोट बैंक के चलते यूपी जैसे बड़े राज्य में सत्ता में कई बार काबिज रही मायावती की पार्टी 2014 लोकसभा चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल पाई। इसके बाद 2017 विधानसभा में भी उनकी पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई और पिछले विधानसभा की 80 सीटों से 19 पर आ गई थी। इसी कारण अब वे भी यूपी में गठबंधन बनाने के लिए तैयार दिख रही हैं।
राज्यसभा से दे चुकी हैं इस्तीफ़ा
मायावती सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई हिंसा में दलित उत्पीड़न को लेकर राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुकी हैं हालाकिं उनकी सदस्ता 2018 में खत्म हो रही थी।
क्या है आगे की रणनीति
मायावती 18 सितंबर को मेरठ में रैली करेंगी जिसमें 70 विधानसभा सीटों को शामिल किया गया है। वह गैर बीजेपी दलों को एक साथ लाकर ताकत दिखा सकेंगी, साथ ही पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ जनता में दम भर सकेंगी। इसके बाद पार्टी एक बार फिर तीन मंडलों की रैली करने पर विचार कर रही है। 18 को होने वाली इस रैली में मेरठ, सहारनपुर, और मुरादाबाद को शामिल किया गया है। मायावती की रणनीति रैली में भीड़ इकट्ठा करते हुए विरोधी दलों को अपनी ताकत दिखाने की है।
हर विधानसभा से 1 लाख की भीड़ का टारगेट
मेरठ में 7 विधानसभा सीटें हैं ऐसे में मायावती की पार्टी ने कार्यकर्ताओं से प्रत्येक विधानसभा से 1 लाख की भीड़ लाने को कहा है। दरअसल मायावती इस रैली में विपक्षी पार्टियों को भी अपनी ताकत दिखाना चाहती हैं। जिससे यदि विपक्ष में गठबंधन हो तो उन्हें इसका फायदा मिल सके। गाजियाबाद में हर विधानसभा क्षेत्र से दस-दस हजार और बाकी जिलों गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, बिजनौर की हर विधानसभा सीट से पांच- पांच हजार लोगों को लाने का टारगेट तय किया गया है। इस तरह करीब पांच लाख लोगों को रैली में इकट्ठा करने का प्लान बीएसपी बना रही है।
केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की तैयारी
दलितों के मुद्दे पर सरकार को घेरने में कभी पीछे नहीं रहने वाली मायावती की पार्टी ने दूसरा प्लान तैयार किया है जिसमे वे अब देश के सभी ज्वलनशील मुद्दे पर सरकार को घेरेंगी।
Created On :   29 Aug 2017 11:56 PM IST