मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामला: एनआईए नहीं करेगा असीमानंद के खिलाफ अपील
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हैदराबाद मक्का मस्जिद फैसला 16 अप्रैल को आया था। जिस फैसले में असीमानंद को बरी कर दिया गया था। फैसला आने के बाद एनआईए ने कहा था कि हम पहले कोर्ट की कॉपी देखेंगे इसके बाद ही आगे की कार्रवाई को लेकर फैसला लेंगे। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि एनआईए इस केस में आगे भी अपील करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआईए अब असीमानंद को बरी करने के खिलाफ अपील नहीं करेगा। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है।
इस मामले में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 11 साल बाद फैसला सुनाया था। जिसमें सभी 5 आरोपियों को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया गया था। मामले में मुख्य आरोपी असीमानंद को बनाया गया था। आपको बता दें कि असीमानंद के ऊपर मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस के अलावा अजमेर दरगाह में धमाके, समझौता एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट और 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए ब्लास्ट के भी आरोप लग चुके हैं।
क्या है पूरा मामला
हैदराबाद में 18 मई, 2007 को जुमे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में विस्फोट हुआ था। जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में एनआईए ने स्वामी असीमानंद, लक्ष्मण दास महाराज समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था, साथ ही दो और मुख्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कलसंगरा फरार हो गए थे। 2011 में CBI ने मामले की जांच एनआई के हाथों में सौंप दी थी। जिसके बाद जांच शुरू हुई और डॉक्युमेंट्स की जांच के दौरान असीमानंद की डिस्क्लोजर रिपोर्ट गायब होने की सूचना मिली और महज एक दिन बाद ही यह क्लोजर रिपोर्ट मिल गई। जिसके बाद 16 अप्रैल, 2018 को इस मामले को लेकर एनआइए की विशेष अदालत ने असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
Created On :   29 May 2018 5:40 PM IST