मेट्रो कार शेड मामला : शिवसेना ने पूछा, क्या भाजपा बिल्डरों के लिए काम कर रही
- मेट्रो कार शेड मामला : शिवसेना ने पूछा
- क्या भाजपा बिल्डरों के लिए काम कर रही
मुंबई, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुंबई मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को लेकर विवादों के बीच भाजपा पर ताजा निशाना साधते हुए शिवसेना ने शुक्रवार को यह जानना चाहा कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी राज्य के लोगों के लिए काम कर रही है, या बिल्डरों की लॉबी के लिए।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस पर कार शेड के लिए आरे कॉलोनी भूखंड बनाम कांजुरमार्ग भूमि से संबंधित संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप लगाया है।
नेता ने 1 जून, 2017 को कांजुरमार्ग भूमि आवंटन को रद्द करने, आरे कॉलोनी आवंटन आदि की पूरी कहानी की अपराध शाखा से जांच कराने की मांग की, औरे आरे कॉलोनी भूमि का आवंटन आदि।
वसंतराव नाईक शेती स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने दावा किया कि पूर्व सीएम के खुलासे से महा विकास अघाड़ी सरकार की परियोजना के कार्यान्वयन में सीधी बाधा उत्पन्न हो सकती है और यह राज्य और मुंबई के लोगों के हितों के लिए हानिकारक साबित होगा।
तिवारी ने आरोप लगाया, फडणवीस संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक करते रहे हैं, सीएम के रूप उन्होंने पद और गोपनीयता जो शपथ ली थी उसका उल्लंघन करते रहे। क्या वह मामले को भड़काकर परियोजना को खतरे में डालने के अलावा कुछ रसूखदार व्यक्तियों या हितों की रक्षा कर रहे हैं?
तिवारी ने कहा कि मुंबई के कम से कम तीन बड़े बिल्डरों की नजर कांजुरमार्ग प्लाट पर है, जिसकी कीमत लगभग एक लाख करोड़ रुपये हो सकती है। उन्होंने कहा कि आगे की देरी रोकने के लिए मामले की अच्छी तरह से जांच कराए जाने की जरूरत है।
उन्होंने सवाल दागा, कांजुरमार्ग क्षेत्र में तथाकथित साल्ट पैन फार्मर कौन हैं? कब से वे वहां पर नमक उत्पादन का काम कर रहे हैं? उन्हें कब जमीन पर कब्जा मिला? जमीन से जुड़े एग्रीमेंट/ दस्तावेज कहां हैं?
तिवारी ने कहा, लोगों को पता होना चाहिए कि बॉम्बे हाईकोर्ट और शहर की सिविल कोर्ट में विभिन्न पक्षों द्वारा तथाकथित दावों का नतीजा कैसे इकतरफा स्टे निकला क्योंकि सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं किया गया था और यह स्टे अभी भी सालों से खाली नहीं है।
वीएनएसएसएम नेता ने कहा, गरीब किसानों ने कथित तौर पर एग्रीमेंट लेटर पर कुछ बिल्डरों को अपनी जमीन बेच दी, लेकिन ये किस तरह के सपोर्ट डॉक्युमेंट्स हैं? कौन बड़े रिअल्टर और महंगे वकील उनकी ओर से लड़ रहे हैं? सरकारी वकील हमेशा सुविधाजनक रूप से अनुपस्थित क्यों रहते हैं? क्यों भाजपा के पूर्व सीएम ने इस मामले में कुछ नहीं किया?
तिवारी ने पूछा कि जब सरकार ने कांजुरमार्ग भूमि में 3,289 एकड़ में से बमुश्किल 102 एकड़ - को मेट्रो कार शेड परियोजना के लिए आवंटित करने की योजना बनाई है। तो भाजपा को बहुत आपत्ति है - तो, वे किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं?
उन्होंने आगे कहा, अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न हैं - किसने जनवरी 2020 में कमेटी की रिपोर्ट तैयार की, जिसने कांजुरमार्ग की जमीन को लाभ नहीं देने वाला घोषित किया? किसने अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक या सलाहकार पैनल को सलाह दी जिसने टेलर-मेड रिपोर्ट तैयार की? फडणवीस को पेपर किसने दिया या वे ट्विटर पर कैसे पहुंचे?
तिवारी ने कहा कि क्राइम ब्रांच को 1 जून, 2017 को कांजुरमार्ग भूमि आवंटन को रद्द करने, आरे कॉलोनी की भूमि का आवंटन, केवल 40 घंटों में 2,000 से अधिक पेड़ों की कटाई, बाहरी समिति की नियुक्ति और इसके कागजात कैसे आए पब्लिक डोमेन में आए, इसकी जरूर जांच करनी चाहिए।
तिवारी की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से एक समिति की अगुवाई करने का अनुरोध करने की योजना है, जिसमें गृह मंत्री अनिल देशमुख और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट भी हों।
उन्होंने कहा कि अगर तथाकथित नमक किसान बाधाएं पैदा कर रहे थे, तो फडणवीस को किस बात ने सुप्रीम कोर्ट जाने से रोक दिया, बजाय इसके कि अब वह मामले में अपनी विफलता का बचाव कर रहे हैं।
वीएवी/एएनएम
Created On :   16 Oct 2020 10:00 PM IST