बॉलीवुड की चमक देखकर घर से भागे 954 बच्चों को बचाया, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

minor child escaped from house for bollywood and film dazzle
बॉलीवुड की चमक देखकर घर से भागे 954 बच्चों को बचाया, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
बॉलीवुड की चमक देखकर घर से भागे 954 बच्चों को बचाया, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने साल 2017 में अपने घर से भागकर मुंबई पहुंचे 706 नाबालिगों को बचाया है। इनमें से कई बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है, जबकि कुछ सुधारगृह भेजे गए हैं। इसके अलावा ठाणे पुलिस की चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट भी घर से भागे 248 बच्चों को दोबारा उनके अभिभावकों से मिलाने में कामयाब रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर बच्चों की उम्र 13 से 18 साल के बीच है । इनमें से ज्यादातर बॉलीवुड में काम करने या फिल्मी सितारों को देखने, मुंबई की चमक दमक देखने या माता-पिता की फटकार के बाद महानगर का रुख करते हैं।

RPF ने मुंबई के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से इन बच्चों को बरामद किया है। सबसे ज्यादा 129 बच्चे मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से बरामद किए गए। बचाए गए बच्चों में से 475 लड़के और 231 लड़कियां हैं। ज्यादातर बच्चे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों से मुंबई पहुंचे थे। अधिकारियों के मुताबिक लंबी दूरी की ज्यादातर ट्रेनें मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर ही आकर खत्म होतीं हैं इसीलिए यहीं घर से भागे सबसे ज्यादा बच्चे उतरते हैं। कई बच्चों को लगता है कि मुंबई पहुंचने के बाद वे ऑडीशन देंगे और देखते ही देखते बॉलीवुड में छा जाएंगे।

स्टेशन पर मिलने वाले नाबालिगों की जानकारी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को दिया जाता है। इसके बाद उनके अभिभावकों से संपर्क कर बच्चों को उनके हवाले कर दिया जाता है। जिन बच्चों के अभिभावकों की जानकारी नहीं मिल पाता या उनसे संपर्क नहीं हो पाता उन्हें मुंबई स्थित बाल सुधार गृह भेज दिया जाता है। पिछले साल 425 बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंपा गया जबकि 265 सुधारगृह भेजे गए। इसके अलावा 16 बच्चों से जुड़े मामलों को आगे की जांच के लिए जीआरपी को सौंपा गया है।

13 लोगों की टीम ने बचाए 1248 बच्चे
ठाणे पुलिस की चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत साल 2014 से 2017 तक 1284 बच्चों का पता लगाकर उनके अभिभावकों को सौंपा है। साल 2017 में 248 नाबालिग बचाए गए। अधिकारियों ने अगवा किए गए कई नाबालिगों को दूसरे राज्यों में जाकर बचाया और उनके अभिभावकों तक पहुंचाया। ठाणे पुलिस ने जुलाई 2014 में चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट की शुरुआत की थी इसमें दो अधिकारियों और 11 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। यूनिट मजदूरी, भीख मांगने के लिए मजबूर किए गए नाबालिगों को भी रिहा कराती है। यूनिट 637 बच्चों को उनके अभिभावकों तक पहुंचा चुकी है।

Created On :   11 Feb 2018 10:15 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story