अरुणाचल में रेप के आरोपियों को भीड़ ने जिंदा जलाया, धारा 144 लागू
डिजिटल डेस्क, ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। लोहित जिले के तेजु में बच्ची से रेप और मर्डर के आरोपियों को भीड़ ने पुलिस थाने से निकालकर पहले पीटा और फिर जिंदा जला दिया। कानून हाथ में लेते हुए भीड़ ने गुनहगारों को खुद ही सजा सुना डाली। आरोपियों की पहचान संजय सबर (30) और जगदीश लोहार (25) के रूप में हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाल से कि आरोपी अरुणाचल प्रदेश के चाय बागानों में काम करने आए थे। घटना के बाद पूरे शहर में तनाव के माहौल को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
क्या है धारा-144
धारा-144 का मतलब सीधे अर्थों में समझें तो इसके लगने के बाद एक साथ चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। ये धारा सीआरपीसी के तहत आती है और शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है। इस धारा को लागू करने के लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट एक नोटिफिकेशन जारी करता है। जहां धारा-144 लगाई जाती है उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है
सीआरपीसी के बारे में जानिए
भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) मुख्य कानून है। इसे सन् 1973 में पारित किया गया था और 1 अप्रैल 1974 को देश में लागू कर दिया गया। बता दें कि जब भी कोई अपराध किया जाता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, जिन्हें पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है। एक प्रक्रिया पीड़ित के संबंध में और दूसरी आरोपी के संबंध में होती है।
यह हो सकती है सजा
धारा-144 को तोड़ने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस अरेस्ट कर सकती है। उस व्यक्ति को धारा-107 या फिर धारा- 151 के तहत अरेस्ट किया जा सकता है। इस धारा का उल्लंघन करने वाले आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है। यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है।
पेमा खांडु के बारे में
पेमा खांडू पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे हैं, जिनकी अप्रैल 2011 में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद उस वर्ष मुकतो विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में पेमा निर्विरोध जीत गए थे। वे दूसरी बार 2014 में विधायक बने जब उन्हें तुकी की सरकार में पर्यटन मंत्री बनाया गया था। पेमा 17 जुलाई 2016 को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 37 वर्षीय खांडू राज्य के तीसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले 29 वर्ष के प्रेम खांडू थुंगोन और 31 वर्ष के गेगोंग अपांग प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।
कब लागू हुआ था सीआरपीसी
a) 1 April 1974
b) 3 March 1973
c) 1 Dec 1974
d) 1 March 1974
निम्न में से कौन सा ऑप्शन आईपीसी की धारा 144 के तहत नहीं आता
a) सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती।
है।
b) इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी
करता है।
c) जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां आठ या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो।
सकते हैं।
d) इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा
दी जाती है।
Created On :   20 Feb 2018 6:40 PM IST