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दैनिक भास्कर हिंदी: जेलों में भीड़ घटाने के लिए मोदी सरकार बनाएगी 199 नई जेलें, 1800 करोड़ का खर्च

हाईलाइट
- जेलों में आए दिन होने वाले झगड़े-फसाद की प्रमुख वजह उनमें कैदियों की अधिक संख्या है
- जेल में झगड़ों पर काबू पाने के लिए मोदी सरकार करीब 1800 करोड़ रुपए 199 नई जेलों के निर्माण पर खर्च करेगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की जेलों में कैदियों की दिन-ब-दिन बढ़ती भीड़ ने सरकार को परेशान कर रखा है। केंद्र सरकार इस बात को लेकर भी चौकन्ना है कि जेलों में आपराधिक गतिविधियों और कट्टरता पर तत्काल काबू पाया जाए। इसके लिए मोदी सरकार आने वाले दिनों में 18 अरब रुपये (1800 करोड़) खर्च करने का मन बना चुकी है। इस बजट का अधिकांश हिस्सा 199 नई जेलों के निर्माण पर खर्च किया जाना है।
सरकार मानती है कि जेलों में आए दिन होने वाले झगड़े-फसाद की प्रमुख वजह उनमें कैदियों की अधिक संख्या है। केंद्र सरकार चाहती है कि जेल में बंद कैदियों को जेल (सजायाफ्ता और विचाराधीन दोनों श्रेणी) में रहने के दौरान कोई कष्ट न हो। लेकिन जेलों में मौजूद भीड़ के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
फिलहाल किसी यातना-गृह सी मालूम पड़ने वाली तमाम जेलों को सुधार-गृह का रूप देने की योजना को सरकार अंतिम रूप दे चुकी है, जिसे जल्द ही अमली जामा पहनाया जा सकता है। इस बात को केंद्रीय गृह-राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी भी स्वीकारते हैं।
जेल से जुड़ी दूसरी प्रमुख समस्याओं में सबसे ऊपर है जेलों में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियां और कट्टरता। इसे लेकर पुलिस बलों के उद्धार के लिए मौजूद देश की इकलौती और सबसे बड़ी सरकारी संस्था पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) भी खासा चिंतित है।
बीपीआरएंडडी ने 12-13 सितंबर को दो दिवसीय एक अनूठे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। दिल्ली स्थित ब्यूरो के मुख्यालय-सभागार में आयोजित इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी थे। सम्मेलन का विषय भी एकदम साफ और सटीक था- जेलों में आपराधिक गतिविधियां और कट्टरता व कैदियों एवं जेल कर्मचारियों की असुरक्षा और उनका संरक्षण।
एशिया की सबसे सुरक्षित-संवेदनशील समझी जाने वाली दिल्ली की तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल सहित देशभर की तमाम जेलों के महानिदेशक और जेल-प्रमुख सम्मेलन में पहुंचे। सम्मेलन में बीपीआरएंडडी के महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वरुण सिंधु कुल कौमुदी ने जिस तरह से खुलकर जेल और जेल-स्टाफ की समस्याओं पर अपनी बात रखी, सम्मेलन में मौजूद देश की तमाम जेलों के मुखिया उसे सुनकर अवाक रह गए।
सम्मेलन में मौजूद एक सूबे के जेल प्रमुख ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, डीजी बीपीआरएंडडी ने जेल की समस्याओं पर जिस तरह से बेबाकी से बात रखी, वह बिना खास-अनुसंधान के असंभव था। मैं किसी सूबे का जेल प्रमुख हूं, मगर जेल से संबंधित समस्याओं पर इतना खुलकर बोल पाने की हिम्मत मैं आज तक कभी नहीं जुटा पाया।
फिलहाल केंद्र सरकार ने 1800 करोड़ रुपये का जो बजट, जेलों की दशा सुधारने के लिए तय किया है, वह नई जेलों के निर्माण सहित जेलों और उनमें कैद करके रखे गए कैदियों व जेल स्टाफ के उद्धार के कार्यो पर खर्च किया जाएगा। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा आयोजित सम्मेलन का दूसरा प्रमुख उद्देश्य यह भी था कि जेलों में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों और उनके अंदर फैल रही या फैलाई जा रही कट्टरता को वक्त रहते कैसे काबू किया जाए?
सम्मेलन में विचार-विमर्श का महत्वपूर्ण बिंदु था कि जेलों में कैद खूंखार अंडरवल्र्ड डॉन, खतरनाक आतंकवादी, गिरफ्तार होकर छोटे-मोटे अपराधों में पहली बार जेल पहुंचे नए-नए कैदियों को बहला-फुसलाकर उन्हें शातिर अपराधी बनाकर उनका बेजा इस्तेमाल करते हैं। इस पर कैसे नियंत्रण पाया जाए?
दूसरे, जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा करना तो जेल प्रशासन और जेल कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। जेल की ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा लेकिन कैसे मजबूत हो? जेल कर्मचारियों के बेहतर जीवन के लिए भी उपाय किया जाना महत्वपूर्ण है।
सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार द्वारा फिलहाल जेल आधुनिकीकरण योजना के तहत स्वीकृत 18 अरब रुपये के बजट में ही 199 नई जेलों के निर्माण के साथ-साथ, जेलों के अंदर 1572 नई बैरकें और जेल स्टाफ के लिए 8568 आवासीय परिसर (घर) भी बनाया जाना तय है।
75वें आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 किलोमीटर की बाइक रैली: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने बाइक रैली निकालकर मनाया हर घर तिरंगा अभियान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आजादी के अमृत वर्ष पर देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीयता के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हर घर तिरंगा अभियान आयोजित किया जा रहा है। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा हर घर तिरंगा यात्रा के जागरूकता संदेश के लिए बाइक रैली का आयोजन किया गया। इस यात्रा को श्री वी.डी. शर्मा जी, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी और श्रीमती मालती राय, महापौर भोपाल नगर निगम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, शिक्षाविद डाॅ. अमिताभ सक्सेना एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। यह यात्रा सारनाथ कांपलेक्स, एमपी नगर से प्रारंभ होकर नेहरू नगर, भदभदा चौराहा, पॉलिटेक्निक चौराहा, वीआईपी रोड, लालघाटी चौराहा, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज, जहांगीराबाद, चेतक ब्रिज, होशंगाबाद रोड से होते हुए रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के परिसर पर समाप्त हुई। इस यात्रा में विश्व विद्यालय के विद्यार्थी फैकल्टी स्टॉप, राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर श्री वी डी शर्मा जी ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जगाना और तिरंगे से जुड़ाव को गहरा करना है। इस यात्रा से हम अपनी युवा पीढ़ी में तिरंगे के प्रति सम्मान और अधिक बढ़ा पाएंगे। यह यात्रा हमें आजादी प्रदान करने वाले वीरों के त्याग को भी बता रही है। हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत हमें अपने घरों पर गर्व से तिरंगा फहराना चाहिए। वहीं महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव को और भी प्रबल करता है। हमें दूसरे लोगों को भी तिरंगे के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। हमारा देश और हमारा समाज स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सदैव ऋणी रहेगा। उनके कारण ही आज हम आजाद देश के नागरिक हैं।
समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रांगण में डॉ अदिति चतुर्वेदी, निदेशक आईसेक्ट ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज ने सफल यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि हमें सक्रियता और कर्मठता के साथ सभी को हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ते हुए तिरंगे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बताना है। वहीं डॉ विजय सिंह ने कहा कि पूरे देश में इन दिनों हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है और देश की आजादी के अमृत अवसर पर हर किसी को शामिल किए जाने हेतु आमंत्रित किया जा रहा है। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज सभी देशवासियों को देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने बाइक रैली के सभी प्रतिभागियों एवं पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया साथ ही विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी समाज को और सशक्त बनाने में अपना उत्कृष्ट योगदान देंगे।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
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