आतंकी संगठन से संबंध में गिरफ्तार महिला की मां ने कार्रवाई के लिए कहा

Mother of woman arrested in connection with terrorist organization asked for action
आतंकी संगठन से संबंध में गिरफ्तार महिला की मां ने कार्रवाई के लिए कहा
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ढाका, 21 जुलाई (आईएएनएस)। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन नियो-जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश) के साथ कथित संबंधों के आरोप में ढाका में गिरफ्तार एक 25 वर्षीय भारतीय महिला की मां ने अपनी बेटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रोग्या उर्फ आयशा जन्नत मोहोना उर्फ तस्नीम पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की रहने वाली है और उसने कथित तौर पर इस्लाम धर्म अपना लिया था।

प्रोग्या को बांग्लादेश पुलिस की काउंटर टेरररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम (सीटीटीसी) यूनिट ने गिरफ्तार किया है। उस पर अन्य आरोपों के साथ साथ लोगों को आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती करने और धन जुटाने का आरोप लगाया गया है।

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के धनियाखाली में अपने घर में प्रोग्या की मां गीता देबनाथ (50) ने मीडिया से बात की। उन्होंने आंसुओं पर काबू पाते हुए कहा, मैं चाहती हूं कि उसे कानून के अनुसार सजा दी जाए।

एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी प्रोग्या सितंबर 2016 में गायब हो गई थी।

खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि उसने स्कूल में पढ़ाई के दौरान 2009 में इस्लाम धर्म अपना लिया था। उनका मानना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने उसे विश्वास में लिया। वह 2016 में जेएमबी की महिला युवा शाखा की प्रमुख असमानी खातून के संपर्क में आई और प्रतिबंधित संगठन में भर्ती हुई।

तभी से प्रोग्या उर्फ आयशा आतंकवादी नेताओं से मिलने के लिए अक्सर बांग्लादेश जाने लगी। वह जेएमबी की योजना के तहत धार्मिक संस्थानों में एक अतिथि शिक्षक की आड़ में आती थी।

भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा सदस्य व आईएसआईएस एजेंट कॉलेज छात्रा तानिया परवीन को पिछले 24 मार्च को उत्तर 24 परगना में पकड़ने के करीब तीन महीने बाद प्रोग्या की गिरफ्तारी सामने आई।

खुफिया टीम के सूत्रों ने कहा कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) ने पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में अपने एजेंट लगाए हुए हैं।

एक अधिकारी ने कहा, हम आयशा को एक गंभीर खतरा मानते हैं। आयशा हुगली के सुदूर धनियाखाली इलाके से बांग्लादेश पहुंची थी और पड़ोसी देश की सरकार के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दे रही थी। हम नहीं जानते कि उसने भारत में कितने युवाओं को भर्ती किया।

ढाका में सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि 28 साल की असमानी खातून को सीटीटीसी टीम ने ढाका के उत्तरी कमलापुर इलाके से चार फरवरी को गिरफ्तार किया था। तभी से प्रोग्या उर्फ आयशा को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए युवाओं की भर्ती करने का काम सौंपा गया था। एक अधिकारी ने कहा कि आयशा की गिरफ्तारी से भारत के विदेश मंत्रालय को अवगत कराया गया है।

प्रोग्या की मां ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं था कि उनकी बेटी की जिंदगी में क्या कुछ हो रहा है।

उन्होंने कहा, मेरी बेटी बिल्कुल सामान्य थी। मुझे स्पष्ट रूप से वह दिन याद है जिस दिन मेरी बेटी ने घर छोड़ा था। वह फिर कभी नहीं लौटी। 2016 में दुर्गा पूजा से एक दिन पहले उसने यह कहते हुए घर छोड़ दिया कि वह काम से बाहर जा रही है।

गीता ने कहा, यह 25 सितंबर, 2016 था। कुछ घंटे बाद जब हमने उसे फोन किया, तो मोबाइल बंद मिला। हमने छानबीन की लेकिन वह कहीं नहीं मिली। आखिरकार, हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

दो दिन बाद गीता के पास उनकी बेटी का फोन आया। उन्होंने कहा, प्रज्ञा ने मुझे दोपहर के आसपास फोन किया और बताया कि वह बांग्लादेश में है और उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है।

गीता के अनुसार, उसने मेरा आशीर्वाद मांगा और कहा कि यह आखिरी बार है जब वह हमसे बात कर रही है। उसने जिस नंबर से फोन किया था, वह बाद में नहीं लगा।

प्रोग्या के धनियाखाली स्थित पड़ोसियों का कहना है कि उसकी दोस्ती कम लोगों से थी। वह कम बोलने वाली विनम्र व्यवहार लड़की थी।

एक पड़ोसी सुशील बेरा ने कहा, वह कॉलेज जाने वाली एक सीधी-सादी लड़की थी। जब कभी सड़क पर किसी परिचित से उसका सामना होता, तो वह मुस्कराकर अभिवादन करती थी।

Created On :   21 July 2020 6:30 PM IST

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