मप्र संकट : सुप्रीम कोर्ट ने 16 बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात का प्रस्ताव ठुकराया

MP crisis: Supreme Court turns down proposal to meet 16 rebel Congress MLAs
मप्र संकट : सुप्रीम कोर्ट ने 16 बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात का प्रस्ताव ठुकराया
मप्र संकट : सुप्रीम कोर्ट ने 16 बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात का प्रस्ताव ठुकराया
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नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 16 बागी कांग्रेसी विधायकों से मिलने के उनके(बागी विधायकों के) प्रस्ताव को अनुपयुक्त बताकर खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसके साथ ही कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी उनसे मुलाकात करने भेजने से इनकार कर दिया।

भाजपा की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कोर्ट अपने दिशानिर्देश में कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को विधायकों से मुलाकात करने के लिए भेज सकती है। बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि विधायक सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश होना चाहते हैं।

न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने विधायकों से मुलाकात करने के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा, हमें पता है कि आप क्यों ऐसा कह रहे हैं, लेकिन यह उचित नहीं है।

शीर्ष अदालत ने इसके अलावा विधायकों से मुलाकात के लिए किसी भी न्यायिक अधिकारी को नियुक्त करने से इनकार कर दिया।

पीठ ने कहा, हम किसी भी न्यायिक अधिकारी को इनसब में नहीं भेजना चाहते हैं। अदालत एक संस्था है। उन्हें बेवजह के अनुचित आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा।

इसपर रोहतगी ने कहा, मैं इसे लाइव करने के लिए कह रहा हूं। चाहे वह कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से विधायकों की मुलाकात हो या किसी और से। इसे लाइव किया जाए।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत चाहती है कि ये सभी 16 विधायक कहीं भी मुक्त होकर रह सके और मुक्त होकर यात्रा कर सके। इसके बाद अदालत ने मामले की कार्यवाही गुरुवार सुबह 10.30 बजे तक के लिए टाल दी।

मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि बागी विधायक कांग्रेस से हैं और कमलनाथ उनसे मुलाकात करना चाहते हैं।

इसपर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सिब्बल से कहा, आपकी याचिका में यही समस्या है। यह किसी बच्चे की कस्टडी का मामला नहीं है।

हालिया शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए पीठ ने स्पीकर से तत्काल निर्णय लेने के लिए कहा और पूछा, हमें बताइए, आप कब निर्णय लेंगे।

Created On :   18 March 2020 3:00 PM GMT

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