MP : सरकारी अस्पतालों की क्वालिटी होगी इंप्रूव, Central government की टीम ने किया दौरा

डिजिटल डेस्क, मंडला। MP के सरकारी HOSPITALS की क्वालिटी इंप्रूव करने की कवायद शुरू कर दी गई है। Central Government की सलाहकार टीम ने जिला हॉस्पिटल मंडला का निरीक्षण किया है। राज्य HOSPITALS की नब्ज टटोलने के बाद कमियों को दूर कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। आदिवासी बाहुल्य और पिछड़े जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर कर, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने के प्रयास किये जाएंगे।
सरकारी HOSPITALS में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मापदण्ड के आधार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिले के सरकारी HOSPITALS में बेड संख्या के आधार पर विशेषज्ञ डॉक्टर्स की नियुक्ति की जाएगी, स्टाफ की कमी और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं दूर करने के प्रयास किये जाएंगे। तमिलनाडु और लातूर की दर्ज पर MP की सरकारी HOSPITALS को इंप्रूव करने की तैयारी की जा रही है। आदिवासी बाहुल्य और पिछड़े जिले में आम आदमी सरकारी HOSPITALS के भरोसे ही है। यहां प्राईवेट सेक्टर में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं है। सरकार जिले के सरकारी HOSPITALS को बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए तैयार करेगी, जिससे पिछड़े इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सेवा के लिए भटकना न पड़े। इसी को देखते हुए एडवाईजर पब्लिक हेल्थ भारत सरकार डॉ. हिमांशु भूषण की अगुवाई में 11 सदस्यीय टीम मंडला और डिंडौरी जिले के भ्रमण पर है, इसके बाद सागर जिले का रूख करेंगे। कल 11 सदस्यीय टीम ने जिला हॉस्पिटल मंडला का दौरा किया।
कमियां गिनाई
डॉ. भूषण ने जिला हॉस्पिटल के मुख्य द्वार से निरीक्षण शुरू किया। एनआरसी, मेनेट्ररी वार्ड, ओपीडी, वार्डो में मरीजों से जाकर चर्चा की। सबसे पहले कैज्यूअलटी रूम में सुविधाएं देखी। गेट से लेकर वार्ड में जो कमियां दिखी, उन्हें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को गिनाया। किस तरह से, क्या सुधार किया जा सकता है, इसकी जानकारी दी।
डॉक्टरों को दी सलाह
हॉस्पिटल में पार्किंग से लेकर, मरीजों को ट्रीट करने के बारे में डॉक्टर्स को सलाह दी है। जिला हॉस्पिटल और ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों की सर्वे रिपोर्ट भारत सरकार को दी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार भारत सरकार के साथ मिलकर योजनाओ का क्रियान्वयन करेंगी।
मातृ-शिशु-मृत्यु-दर पर फोकस
मातृ-शिशु-मृत्यु-दर में MP अव्वल है। मंडला डिंडौरी जैसे पिछड़े जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते, मातृ-शिशु-मृत्यु-दर कम नहीं हो रही है। यहां दिल्ली की टीम मृत्यु दर कम न होने का कारण जानने का प्रयास करेगा। सरकारी HOSPITALS में जाकर आशा कार्यकर्ता से लेकर गर्भवती माताओं से जाकर बात करेंगे। मातृ-शिशु-मृत्यु-दर कम न होने का कारण पता कर सुधार करने का प्रयास किया जाएगा। टीम यह भी देखगी कि सामुदायिक गैप और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण मातृ-शिशु-मृत्यु-दर कम नहीं हो रहा है या अन्य कारण है। सर्वे में जो तथ्य सामने आएंगे। उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अमले को सलाह देकर सुधार कराया जाएगा। टीम के द्वारा 2 दिवसीय दौरे के बाद दिल्ली में भारत सरकार को रिपोर्ट बनाकर इन सबसे अवगत कराएंगे।
Created On :   25 July 2017 9:02 PM IST