'हेमंत कटारे मामले की जांच CBI या हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज करें'
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे प्रकरण की जांच सीबीआई अथवा हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाने की मांग की है। अजय सिंह ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे राजनीतिक द्वेष से हेमंत कटारे के खिलाफ दर्ज हो रहे झूठे प्रकरण के मामले में हस्तक्षेप करें और एक विधायक के अधिकारों का संरक्षण करें।
नेता प्रतिपक्ष आज विधायक आरिफ अकील और नीलांशु चतुर्वेदी के साथ मुख्यमंत्री से मिले। अजय सिंह ने उन्हें सीबीआई जांच कराने के संबंध में पत्र सौंपा। उन्होंने कहा की सरकार चाहे तो किसी रिटायर्ड हाइकोर्ट जज से भी इस मामले की जांच करवा सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में कहा कि इस मामले में दो दिन पहले ही पुलिस ने जो रूख अख्तियार किया है। वहीं से यह संदेह होता है कि पुलिस अब राजनीतिक दबाव में काम कर रही है।
एक युवती जिसे पुलिस ने ही ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया, वह घटना के 8 दिन बाद अचानक एक शिकायती पत्र लिखती है कि उसके साथ बलात्कार हुआ है, जबकि उसने यह बात जब ब्लैकमेलिंग करते हुए वह पकड़ी गई तब नहीं बताया। आज वह आपकी ही पुलिस पर आरोप लगा रही है कि उसकी उस समय नहीं सुनी गई। आज वही पुलिस अचानक से उस लड़की की सुनवाई इन खबरों के बीच कैसे कर रही है। इस मामले में प्रतिद्वंदी भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री से यह शिकायत की इस मामले में पुलिस विधायक कटारे का साथ दे रही है और फिर अचानक मामले को नया मोड़ दिया जाता है।
अजय सिंह ने पत्र में सवाल किए हैं कि...
• क्या यह सही नहीं है कि वह युवती ब्लैकमेलिंग के पैसे लेते हुए गिरफ्तार हुई।
• क्या यह सही नहीं है कि विक्रमजीत सिंह अभी तक फरार है।
• क्या यह सही नहीं है कि युवती ने 2 पेज का एक शपथ-पत्र दिया, जिसमें उसने कटारे को फंसाने की बात स्वीकारी है।
• क्या उसकी माँ ने वीडियो के जरिए नहीं कहा कि विक्रमजीत सिंह ने उसकी बेटी को फंसाया।
• यदि कटारे ने दुष्कर्म किया था तो कोर्ट और मीडिया के सामने युवती ने अपना पक्ष क्यों नहीं रखा। सप्ताहभर बाद उसको अचानक जेल अधीक्षक को पत्र लिखने के लिए किसने सलाह दी। युवती न्यायिक अभिरक्षा में है। जेल विभाग ने पत्र लिखने-पुलिस को भेजने से पहले कोर्ट को क्यों नहीं बताया। फिर पत्र युवती का लिखा ही है, पुलिस ने बिना जांच किए कटारे पर कैसे मामला दर्ज कर लिया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन बिन्दुओं से यह स्पष्ट है कि पुलिस ने प्रारंभ में इस केस में एक आपराधिक घटना घटित होने के नजरिए से जो कार्रवाई की थी वह बाद में राजनीतिक फायदे और प्रतिद्वंदिता के चलते पुलिस की पूरी कार्रवाई बदले की भावना की नजर आती है। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकरण की जांच राज्य की पुलिस करेगी तो इसमें न तो निष्पक्षता होगी और न ही न्याय मिलेगा। इसलिए मेरी मांग है कि इस प्रकरण की सीबीआई या हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज से इसकी जांच करवाई जाए।
विधानसभाध्यक्ष को लिखा पत्र
नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में विधानसभाध्यक्ष को भी पत्र लिखा। पत्र में कहा कि कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे का प्रकरण होगा। इस प्रकरण में पिछले दिनों जो घटित हुआ है वह भी आपकी जानकारी में इस मामले में अचानक दो दिन पहले रात के अंधेरे में दो-दो FIR हेमंत कटारे के खिलाफ दर्ज की गई। जिस तरह से यह पूरा घटनाक्रम हुआ है। वह एक विधायक के विशेषाधिकारों के हनन का भी मामला है।
भोपाल पुलिस ने दो दिन पहले जिस तरह हेमंत कटारे के खिलाफ कार्रवाई की है, वह विधायिका पर भी हमला है। यह पूरा मामला राजनैतिक द्वेष और विधानसभा चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंदी को मिली हार की प्रतिक्रिया जान पड़ती है। लोकतंत्र में एक विधायक, जनता का प्रतिनिधि होता है। जिसकी गरिमा, प्रतिष्ठा और अधिकारों का संरक्षण विधानसभा अध्यक्ष ही करता है।
अजय सिंह ने कहा इस प्रकरण में सामने आए तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए आग्रह है कि आप इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार को निर्देशित करें कि विधायक हेमंत कटारे को साजिशन फंसाने की जो कार्रवाई की जा रही है उस पर रोक लगे और हेमंत कटारे के खिलाफ लगाए गए झूठे मामले वापस लें। अजय सिंह ने अपेक्षा की कि आप संरक्षक होने के नाते विधायक हेमंत कटारे के अधिकारों को संरक्षण करेंगे।
Created On :   4 Feb 2018 6:51 PM IST