मप्र की पहचान माफिया और व्यापम से नहीं होगी : कमल नाथ
- मप्र की पहचान माफिया और व्यापम से नहीं होगी : कमल नाथ
भोपाल, 9 जनवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ राज्य में विकास के अगले चार वर्ष के रोडमैप पर काम कर रहे हैं, वे राज्य को नई पहचान दिलाना चाहते हैं, ताकि राज्य की पहचान माफिया और जानलेवा व्यापम घोटाले से ना हो।
कमल नाथ ने जब राज्य की सत्ता संभाली तो कई तरह की चुनौतियां उनके सामने थी। राज्य आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा था, किसानों की हालत अच्छी नहीं थी, रोजगार के अवसर पैदा करना बड़ी चुनौती बनकर मुंह फैलाए हुए था। इन स्थितियों से बीते एक साल में उन्होंने कैसे निपटा और आगामी समय में उनकी चार साल के लिए वे किस योजना पर काम कर रहे हैं। इस पर उन्होंने गुरुवार को आईएएनएस से खुलकर बात की।
मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा, जब उन्होंने सत्ता संभाली थी, तब राज्य का खजाना खाली थी। उसके बाद भी सरकार ने अपने वचनों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। शपथ लेने के बाद सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ करने की फाइल पर हस्ताक्षर किए और किसानों का चरणबद्ध तरीके से दो लाख तक कर्ज माफ किया जा रहा है। बीते एक साल में ढाई माह तो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में ही निकल गया, मात्र साढ़े नौ माह ही काम करने का अवसर मिला।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, सरकार ने तिजोरी खाली मिलने के बाद भी विभिन्न विभागों की योजनाओं को आगे बढ़ाया और इन योजनाओं की डिलीवरी का वातावरण बनाने का काम किया। इसी का नतीजा है कि हर वर्ग को उसकी योजनाओं का बेहतर तरीके से लाभ मिल रहा है।
राज्य में भू-माफिया, मिलावटखोरों, तस्करों आदि के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को जरूरी बताते हुए कमल नाथ कहते हैं, पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में बीते 15 साल में राज्य में माफिया पनपते रहे, ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी थी जो नहीं हुई, उल्टे उन्हें संरक्षण मिलता रहा। यही कारण है कि वर्तमान सरकार को इन लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ना पड़ा है, माफियाओं को संरक्षण देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे अफसर हों या राजनीतिक दलों के नेता।
बीते सालों में विभिन्न क्षेत्रों में बढ़े अवैध कार्यो को लेकर मुख्यमंत्री ने चिंता जताई और राज्य को माफिया मुक्त प्रदेश बनने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, राज्य की पहचान माफिया और व्यापम से नहीं हो सकती, इसे राज्य की पहचान बनने भी नहीं दिया जाएगा, वर्तमान सरकार विकास और प्रगति के जरिए प्रदेश को नई पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है, किसानों में खुशहाली, नौजवान को रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा में सुधार और सभी वर्गो का विकास सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इन कोशिशों के चलते राज्य को विकसित राज्य के तौर पहचाना जाएगा, न कि माफिया और व्यापम से।
राज्य का व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाला बीते कई वर्षो से चर्चाओं में है। इस मामले की सीबीआई जांच जारी है, वहीं इससे जुड़े 55 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस घोटाले में राजनेताओं, नौकरशाहों के गठजोड़ पर से पर्दा उठा है। इसमें दो हजार से ज्यादा लोग जेल गए, वहीं पांच सौ से ज्यादा फरार है।
राज्य में निवेश को बढ़ा देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले दिनों इंदौर में आयोजित मैग्नीफिसेंट एमपी का आयोजन किया। वहीं निवेशकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किए जाने के प्रयास जारी है।
राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए चल रहे प्रयासों का हवाला देते हुए कमल नाथ ने कहा, निवेशकों में सबसे पहले भरोसा पैदा करना जरूरी है और उस दिशा में राज्य सरकार कदम बढ़ा रही है, निवेशकों की जरूरत के मुताबिक नीति पर काम हो रहा है। वहीं दूसरी ओर युवाओं और क्षेत्रीय लोगांे को रोजगार मिले इसके लिए स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त को जोड़ा गया है। वहीं स्वरोजगार के लिए कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है। आने वाले सालों में सरकार के प्रयासों के नतीजे सामने होंगे।
Created On :   9 Jan 2020 5:00 PM IST